UP पंचायत चुनाव Live Update: कुछ ही देर में आरक्षण सूची को लेकर तस्वीर हो जाएगी साफ

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उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav 2021) के लिए जारी हुई रिजर्वेशन लिस्ट पर एक बार फिर विरोध जताया गया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसपर आज सुनवाई होनी है. बता दें कि आज, 26 मार्च को ही फाइनल रिजर्वेशन लिस्ट जारी होनी है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav 2021) के लिए जारी हुई रिजर्वेशन लिस्ट पर एक बार फिर विरोध जताया गया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसपर आज सुनवाई होनी है. बता दें कि आज, 26 मार्च को ही फाइनल रिजर्वेशन लिस्ट जारी होनी है. ऐसे में सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिकी हैं.

आपको बता दें, यूपी पंचायत चुनाव 2021 में नई आरक्षण सूची को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है. सीताराम बिसवां निवासी दिलीप कुमार ने अपने वकील अमित कुमार सिंह भदौरिया की मदद से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. दरअसल, कुछ दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच पुरानी रिजर्वेशन लिस्ट पर रोक लगाते हुए 2015 को बेस वर्ष बनाकर चुनाव कराने का निर्णय सुनाया था.

हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि 2015 को आधार बनाते हुए ही सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए. माना जा रहा है कि आज, शुक्रवार को ही अंतिम आरक्षण सूची जारी कर दी जाएगी. पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जानकारी दी थी कि हाई कोर्ट के आदेश पर पंचायतों में नए सिरे से आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. आपत्तियों के निस्तारण के बाद अधिकतर जिलों में ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख और ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत वॉर्डों का आरक्षण आवंटन पूरा हो गया है. अंतिम सूचियां शुक्रवार को प्रकाशित की जाएंगी.

आपको याद हो, 13 मार्च के करीब आरक्षण प्रक्रिया को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने जनहित याचिका (PIL) दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार को इस साल भी 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण को रोटेट करने की प्रकिया लागू करनी थी. लेकिन सरकार मनमाने तरीके से 1995 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण प्रकिया लागू कर रही है. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और राज्य सरकार और चुनाव आयोग से जवाब तलब किया था.

इसके बाद, राज्य सरकार ने कहा था कि वह साल 2015 को आधार मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है और अब उसी को आधार मानकर अंतरिम आरक्षण सूची भी जारी कर दी गई थी.

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