Kamala Harris’s native village in India: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे हैं, लेकिन अमेरिकी राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। दरअसल, डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेमोक्रेटिक पार्टी की अगली पसंद अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन हो सकता है।
भारत से ताल्लुक रखने वाली कमला हैरिस (Kamala Harris Ancestral Village) उपराष्ट्रपति बनने के बाद भारतीय धरती पर नहीं आई हैं. वैसे तो कमला हैरिस के उपराष्ट्रपति बनने के बाद भारत के हर राज्य में जश्न मनाया गया, लेकिन भारत में एक ऐसा गांव है जहां कमला हैरिस का खास रिश्ता है. दरअसल, ये कमला हैरिस का मायका है।
जब आखिरी बार भारत आई थी कमला हैरिस
वर्तमान में अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस राजधानी वाशिंगटन में रहती हैं। कमला हैरिस की नानी का घर वाशिंगटन से 12,900 किलोमीटर दूर भारत के तमिलनाडु में है। कमला हैरिस की नानी का घर तमिलनाडु के थुलसेंद्रपुरम गांव में है।
59 वर्षीय कमला हैरिस आखिरी बार अपनी नानी के पास तब आई थीं, जब वह पांच साल की थीं। उसके बाद वह कभी यहां नहीं आईं। आपको बता दें कि इस गांव से चेन्नई बीच महज 320 किलोमीटर दूर है, कमला हैरिस बचपन में अक्सर अपनी नानी के साथ यहां आती थीं।
थुलसेंड्रपुरम के लोग कमला हैरिस को मानते हैं अपनी बेटी
कमला हैरिस काफी समय से अपने मायके नहीं गई हैं, लेकिन अमेरिका की मशहूर राजनीतिक हस्ती बन चुकी कमला हैरिस के उपराष्ट्रपति बनने पर यह गांव काफी उत्साह से जश्न मनाता है. कमला हैरिस को साल 2021 में अमेरिका का उपराष्ट्रपति बनाया गया, उस समय इस गांव में खुशी सातवें आसमान पर थी. गांव के लोगों ने पटाखे फोड़कर इस दिन का जश्न मनाया. इसके साथ ही कमला हैरिस के अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनने पर पूजा भी की गई. यहां हर कोई कमला हैरिस को गांव की बेटी कहता है।
इस वर्ष का उत्सव पिछले वर्ष से बड़ा होगा
अब गांव के लोगों का कहना है कि अगर कमला हैरिस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीत जाती हैं तो गांव में पिछली बार से भी बड़ा जश्न मनाया जाएगा। भारतीय टीम के वर्ल्ड कप जीतने पर जितने पटाखे फूटे थे, उससे कहीं ज्यादा पटाखे कमला हैरिस के राष्ट्रपति बनने पर फूटेंगे।
यहां के लोग निराश हैं कि कमला हैरिस भारत नहीं आईं
हालांकि, कमला हैरिस लंबे समय से अपने मायके नहीं गई हैं, जिससे यहां के लोग काफी दुखी हैं। आपको बता दें कि इस गांव में करीब 2000 लोग रहते हैं। गांव के एक दुकानदार का कहना है कि जब कमला अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनीं तो हमें उम्मीद थी कि वह एक बार अपने मायके जरूर आएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दौरा तो दूर की बात है, उन्होंने अपने भाषण में कहीं भी इस गांव का नाम तक नहीं लिया। अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनने के बाद कई लोगों ने कमला हैरिस की तस्वीर अपने घर के बाहर लगा दी थी।