लद्दाख में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.6 रही

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लद्दाख। यूटी में शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 दर्ज की गई। इससे पहले शुक्रवार को भी यहां भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 रही थी। भूकंप शुक्रवार सुबह 11 बजकर 2 मिनट पर आया था। वहीं गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के डोडा क्षेत्र में करीब 2 बजकर 34 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.2 रही थी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार की सुबह करीब 8.27 बजे लद्दाख में भूकंप आया। हालांकि कहीं कोई नुकसान की सूचना नहीं मिली है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 मापी गई है।

भूकंप आने का कारण
हमारी धरती में चार परतें पाई जाती हैं।  इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं। जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। दरअसल भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

  • 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप बहुत कमजोर होता है। इससे सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
  • 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
  • 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर ऐसा महसूस होता है, जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया।
  • 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर घर की खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
  • 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप घर के फर्नीचर को हिला सकता है।
  • 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती हैं। बहुमंजिलों को नुकसान हो सकता है।
  • 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में फाइप फट जाती हैं।
  • 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप काफी खतरनाक माना जाता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8 8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
  • 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पोधै, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
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