महादेवपुरा में ‘Vote Chori’ का विवाद: EC डेटा से सामने आई चौंकाने वाली हकीकत

On: August 10, 2025 3:32 PM
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Mahadevapura vote theft controversy 2025

बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा सीट हाल ही में ‘वोट चोरी’EAD2’ के गंभीर आरोपों के कारण चर्चा में है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग (EC) पर 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए वोट चुराने का आरोप लगाया है। गांधी ने दावा किया कि महादेवपुरा में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में हेरफेर हुआ, जिसके कारण कांग्रेस को बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा।

EC के आँकड़ों के अनुसार, 2008 से 2024 तक महादेवपुरा की मतदाता संख्या में 140% की वृद्धि हुई, जबकि बेंगलुरु सेंट्रल की अन्य सात विधानसभा सीटों में केवल 3-27% की वृद्धि दर्ज की गई। यह असामान्य वृद्धि सवालों के घेरे में है। आइए इस विवाद, इसके कारणों और प्रभावों पर विस्तार से नजर डालते हैं।

महादेवपुरा में मतदाता वृद्धि का रहस्य

महादेवपुरा विधानसभा सीट, जो बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। तब से इसकी मतदाता संख्या 2.75 लाख से बढ़कर 2024 में 6.6 लाख हो गई, जो 140% की वृद्धि है। तुलनात्मक रूप से, बेंगलुरु सेंट्रल की अन्य सीटों जैसे सर्वज्ञनगर (26.5%), शांति नगर (25.2%), और सीवी रमन नगर (23.1%) में इस दौरान मतदाता वृद्धि काफी कम रही। इस असमानता ने विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस, के संदेह को बढ़ाया है।

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राहुल गांधी ने दावा किया कि महादेवपुरा में 1,00,250 वोट “चुराए” गए, जिसके कारण कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में बेंगलुरु सेंट्रल सीट 1,14,046 वोटों से हार गई। उन्होंने पाँच प्रकार की अनियमितताओं का हवाला दिया:

  • डुप्लिकेट मतदाता
  • फर्जी और अवैध पते
  • एक ही पते पर कई मतदाता
  • अवैध फोटो
  • पहली बार मतदाताओं के लिए फॉर्म 6 का दुरुपयोग

कांग्रेस का कहना है कि इस सीट की असामान्य मतदाता वृद्धि और इन कथित अनियमितताओं ने BJP को फायदा पहुँचाया, जो 2008 से महादेवपुरा और बेंगलुरु सेंट्रल में लगातार जीत रही है।

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‘Vote Chori’ का आरोप और EC का जवाब

राहुल गांधी ने 8 अगस्त 2025 को दिल्ली में AICC मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे “चुनावी धोखाधड़ी” का “परमाणु बम” करार दिया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने महादेवपुरा में मतदाता सूची की जाँच की और 1.5 लाख फर्जी मतदाताओं का पता लगाया। इसके जवाब में, EC ने इन आरोपों को “निराधार” बताया और कहा कि वे “निष्पक्ष और पारदर्शी” तरीके से काम कर रहे हैं।

कांग्रेस ने बिहार में EC की विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं, जिसे वे मतदाता सूची से विपक्षी समर्थकों को हटाने का प्रयास मानते हैं। इस मुद्दे ने संसद के मानसून सत्र को प्रभावित किया, जिसमें विपक्ष ने SIR पर चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार ने इसे EC के प्रशासनिक कार्य का हिस्सा बताकर चर्चा से इनकार कर दिया।

महादेवपुरा की राजनीतिक पृष्ठभूमि

महादेवपुरा 2008 से BJP का गढ़ रहा है, जहाँ अरविंद लिंबावली (2008, 2013, 2018) और उनकी पत्नी मंजुला एस (2023) ने जीत हासिल की। 2024 के लोकसभा चुनाव में BJP के पीसी मोहन ने बेंगलुरु सेंट्रल सीट जीती, जिसमें महादेवपुरा शामिल है। इस सीट पर BJP का वोट शेयर 2009 के 45.6% से बढ़कर 2024 में 64.7% हो गया, जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 2019 में मामूली वृद्धि के बाद 2024 में अपने निम्नतम स्तर पर पहुँच गया।

इस क्षेत्र में तेजी से शहरीकरण और रियल एस्टेट विकास ने मतदाता वृद्धि में योगदान दिया है। 2000 के दशक में टेक बूम के बाद, महादेवपुरा प्रवासियों के लिए किफायती आवास का केंद्र बन गया। हालांकि, इसकी तुलना में अन्य सीटों की धीमी वृद्धि ने संदेह को जन्म दिया है।

मतदान रुझान और प्रभाव

महादेवपुरा में मतदान प्रतिशत बेंगलुरु सेंट्रल की अन्य सीटों की तुलना में अधिक रहा है। 2008 से 2018 तक, इस सीट ने विधानसभा चुनावों में उच्चतम मतदान (2013 में 61.6%) दर्ज किया। 2024 के लोकसभा चुनाव में, इसका मतदान 54% था, जो छठा सबसे अधिक था, लेकिन इसकी विशाल मतदाता संख्या के कारण कुल वोटों की संख्या सबसे अधिक रही।

कांग्रेस का दावा है कि इस असामान्य वृद्धि और कथित अनियमितताओं ने BJP को लाभ पहुँचाया। विपक्षी दलों, जैसे TMC, DMK और AAP, ने भी SIR के खिलाफ एकजुट होकर संसद में विरोध किया। AAP के सांसद संजय सिंह ने इसे “लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश” बताया और कहा कि बिहार में 65 लाख मतदाताओं को हटाया गया।

सरकार और EC का रुख

सरकार और EC ने इन आरोपों को खारिज किया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि SIR EC का प्रशासनिक कार्य है और संसद में इसकी चर्चा नहीं हो सकती। EC ने बिहार के SIR को राष्ट्रीय स्तर पर मतदाता सूची की शुद्धता के लिए आवश्यक बताया।

हालांकि, विपक्ष ने इसे मतदाता दमन का हथियार बताया। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सवाल उठाया, “नागरिकों के मतदान अधिकार से अधिक महत्वपूर्ण क्या हो सकता है?” विपक्ष की मांग है कि SIR और मतदाता सूची पर संसद में चर्चा हो, लेकिन सरकार ने इसे ठुकरा दिया।

बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन

4 अगस्त 2025 को राहुल गांधी ने बेंगलुरु में EC कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें महादेवपुरा में कथित अनियमितताओं का मुद्दा उठाया गया। कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बताया कि गांधी फ्रीडम पार्क में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद EC अधिकारियों से मिले। यह विरोध कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा था, जिसमें INDIA गठबंधन के अन्य दल भी शामिल हुए।

भविष्य की संभावनाएँ

महादेवपुरा विवाद ने भारत में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष का दावा है कि SIR जैसे कदम विपक्षी मतदाताओं को दबाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। EC और सरकार इसे मतदाता सूची की शुद्धता का प्रयास बताते हैं। इस मुद्दे ने विपक्षी एकता को मजबूत किया है, जिसमें TMC और AAP जैसे दल शामिल हो गए हैं।

आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में SIR एक प्रमुख मुद्दा हो सकता है। AAP ने इसे अपनी चुनावी रणनीति का हिस्सा बनाने की योजना बनाई है। साथ ही, उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष एक साझा उम्मीदवार और मजबूत कथानक तैयार करने की कोशिश में है।

BarwaSukhdav

Sharif ने 2015 में लॉन्च होने के बाद से एक वेब विशेषज्ञ के रूप में काम किया है। वर्षों से, उन्होंने कंपनी की वेब एक्सपर्ट टीम का नेतृत्व किया है और 10,000 से अधिक लेख प्रकाशित किए हैं - ब्रेकिंग न्यूज, शिक्षा, नौकरियों, समीक्षाओं का मिश्रण, सहायक, उद्योग विश्लेषण , और अधिक।