वडोदरा गम्भीरा पुल हादसा: नौ की मौत, महिसागर नदी में गिरीं गाड़ियाँ

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Vadodara Gambhir Bridge Accident
Vadodara Gambhir Bridge Accident

वडोदरा, 10 जुलाई 2025: गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह एक दुखद हादसा हुआ। मुझपुर गाँव के पास महिसागर नदी पर बना गम्भीरा पुल का एक हिस्सा ढह गया। इस हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई। छह लोग घायल हुए हैं। यह पुल मध्य गुजरात और सौराष्ट्र को जोड़ता है।हादसे ने स्थानीय लोगों को सदमे में डाल दिया। कई वाहन नदी में गिर गए। यातायात पूरी तरह ठप हो गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जांच के आदेश दिए। यह हादसा बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा पर सवाल उठाता है।

हादसे का समय और स्थान

हादसा सुबह 7:30 बजे हुआ। गम्भीरा पुल 1980 में बनाया गया था। यह वडोदरा के Padra Taluka और आनंद जिले को जोड़ता है। पुल का 10-15 मीटर लंबा स्लैब अचानक टूट गया। हादसे ने महत्वपूर्ण मार्ग को अवरुद्ध कर दिया।

क्या हुआ?

हादसे के समय पुल पर कई वाहन थे। दो ट्रक, एक ईको वैन, एक पिकअप वैन, और एक ऑटो-रिक्शा नदी में गिरे। एक टैंकर पुल के किनारे पर लटक गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने तेज़ “क्रैकिंग” ध्वनि सुनी। इसके तुरंत बाद स्लैब ध्वस्त हो गया।महिसागर नदी का जलस्तर हाल की बारिश से बढ़ा था। इससे पुल पर दबाव बढ़ा। नदी में डूबे वाहनों ने बचाव कार्य को मुश्किल बनाया। हादसे ने क्षेत्र में अफरा-तफरी मचा दी। स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े।

बचाव कार्य शुरू

स्थानीय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुँचे। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम ने बचाव शुरू किया। क्रेन और डाइवर्स की मदद ली गई। चार लोगों को सुरक्षित निकाला गया। नौ शव बरामद हुए। छह घायलों को अस्पताल ले जाया गया। दो घायलों की हालत गंभीर है। वडोदरा नगर निगम ने नावों का उपयोग किया। बचाव कार्य देर तक चला।

मृतक और घायल

मृतकों में स्थानीय निवासी और यात्री शामिल हैं। एक परिवार ने अपनी ईको वैन में तीन सदस्य खोए। घायलों में एक बच्चा और एक वृद्ध व्यक्ति हैं। सभी को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती किया गया। मृतकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट शुरू हुए।

संभावित कारण

स्थानीय लोगों ने पुल की जर्जर स्थिति का ज़िक्र किया। उन्होंने प्रशासन को पहले चेतावनी दी थी। 45 साल पुराना पुल भारी वाहनों के लिए असुरक्षित था। हाल की भारी बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ा। रखरखाव की कमी बड़ा कारण माना जा रहा है।तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम जांच कर रही है। इसमें सड़क और भवन विभाग के अभियंता शामिल हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में निर्माण सामग्री की कमज़ोरी का उल्लेख है। भारी ट्रकों का लगातार आवागमन भी एक कारक हो सकता है। जांच एक सप्ताह में पूरी होगी।

सरकारी प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी। घायलों को 50,000 रुपये मिलेंगे। यह राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दी जाएगी। पीएम ने प्रभावितों के साथ एकजुटता दिखाई।मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने तत्काल राहत कार्यों का जायज़ा लिया। स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने कहा कि मरम्मत नियमित थी। फिर भी, उन्होंने गहन जांच का वादा किया। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग खोले।

राजनीतिक बयान

विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने लापरवाही का आरोप लगाया। नेताओं ने कहा कि पुराने ढांचों की जाँच होनी चाहिए। बीजेपी ने बचाव कार्यों की तारीफ की। उन्होंने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया।हादसे ने बुनियादी ढाँचे पर बहस छेड़ दी। विशेषज्ञों ने पुराने पुलों की ऑडिट की माँग की। सरकार ने तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया। यह मुद्दा विधानसभा में भी उठेगा।

ऐतिहासिक संदर्भ

गुजरात में पहले भी ऐसे हादसे हुए हैं। 2022 में मोरबी केबल ब्रिज हादसे में 135 लोग मारे गए। उस घटना के बाद बुनियादी ढाँचे की जाँच का वादा हुआ था। गम्भीरा पुल 900 मीटर लंबा है। इसके 23 पियर्स भारी यातायात झेलते थे।हाल की बाढ़ ने पुराने ढांचों पर दबाव बढ़ाया। रखरखाव की कमी ने खतरे को और बढ़ाया। यह हादसा मोरबी की याद दिलाता है। सरकार पर अब दबाव बढ़ गया है।

बचाव कार्यों का अपडेट

बचाव कार्य दोपहर तक चले। सभी डूबे वाहनों को निकाला गया। डाइवर्स ने नदी में तलाश पूरी की। लटके हुए टैंकर को क्रेन से हटाया गया। पुलिस ने क्षेत्र को सील कर दिया।वडोदरा और आनंद पुलिस ने संयुक्त रूप से काम किया। स्थानीय लोगों ने भोजन और पानी की व्यवस्था की। अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएँ शुरू हुईं। बचाव दल ने जोखिम के बावजूद काम किया।

प्रभाव

हादसे ने आनंद और वडोदरा के बीच संपर्क तोड़ा। सौराष्ट्र के लिए माल ढुलाई रुकी। स्थानीय व्यापार प्रभावित हुआ। किसानों को फसलों के परिवहन में दिक्कत हुई। वैकल्पिक मार्गों पर जाम लगा।स्थानीय लोग डरे हुए हैं। कई ने नदी पार करने से मना किया। स्कूल और दुकानें बंद रहीं। हादसे ने सामुदायिक एकजुटता को बढ़ाया। लोग प्रभावितों की मदद के लिए आगे आए।

भविष्य के कदम

सरकार ने सभी पुराने पुलों की जाँच का आदेश दिया। तकनीकी समिति एक महीने में रिपोर्ट देगी। भारी वाहनों पर प्रतिबंध लग सकता है। रखरखाव के लिए बजट बढ़ाने की बात हुई।स्थानीय लोगों ने नया पुल बनाने की माँग की। प्रशासन ने अस्थायी व्यवस्था का वादा किया। यह हादसा नीति निर्माताओं के लिए चेतावनी है। बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा अब प्राथमिकता होगी।

ताज़ा अपडेट्स

  • सुबह 9:00 बजे: बचाव कार्य शुरू हुए।
  • सुबह 10:30 बजे: तीन घायल अस्पताल पहुँचे।
  • दोपहर 12:00 बजे: नौ शव बरामद।
  • दोपहर 2:00 बजे: बचाव कार्य पूरे।
  • शाम 4:00 बजे: जांच समिति गठित।

निष्कर्ष

गम्भीरा पुल हादसा एक दुखद घटना है। यह बुनियादी ढाँचे की कमज़ोरियों को उजागर करता है। सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया सराहनीय है। लेकिन भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकना ज़रूरी है। यह हादसा गुजरात के लिए सबक है।

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