वडोदरा, 9 जुलाई 2025: गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह एक दुखद हादसे ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। Padra taluka के मुझपुर गाँव के पास महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना गम्भीरा पुल का एक हिस्सा अचानक ढह गया, जिसके कारण कई वाहन नदी में गिर गए। इस हादसे में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई, और छह लोग घायल हुए। हादसे ने मध्य गुजरात और सौराष्ट्र को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण मार्ग को बाधित कर दिया, जिससे यातायात और स्थानीय लोगों का जीवन प्रभावित हुआ।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर रखरखाव में लापरवाही का आरोप लगाया है, जिससे यह हादसा एक बार फिर गुजरात में बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा पर सवाल उठा रहा है।
हादसे का विवरण
हादसा सुबह 7:30 बजे हुआ, जब गम्भीरा पुल का एक 10-15 मीटर लंबा स्लैब अचानक टूट गया। यह पुल, जो 1985 में निर्मित हुआ था, मुझपुर (वडोदरा) को गम्भीरा (आनंद जिला) से जोड़ता है और मध्य गुजरात से सौराष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है। Times of India के अनुसार, हादसे के समय पुल पर दो ट्रक, एक ईको वैन, एक पिकअप वैन, और एक ऑटो-रिक्शा गुजर रहे थे, जो सभी नदी में गिर गए।
The Hindu ने बताया कि एक टैंकर टूटे हुए पुल के किनारे पर खतरनाक ढंग से लटक गया, जिसके वीडियो X पर वायरल हो रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे से पहले एक तेज़ “क्रैकिंग” ध्वनि सुनाई दी, जिसके बाद स्लैब ध्वस्त हो गया।
बचाव कार्य और प्रारंभिक प्रतिक्रिया
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग, वडोदरा जिला प्रशासन, पुलिस, और फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत मौके पर पहुँचीं। Indian Express के अनुसार, NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की एक टीम ने बचाव उपकरणों के साथ राहत कार्य शुरू किया। क्रेन और डाइवर्स की मदद से डूबे हुए वाहनों को निकालने और लापता लोगों की तलाश की गई।
वडोदरा (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने बताया कि नौ शव बरामद किए गए, और छह घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती किया गया। आनंद के सांसद मितेश पटेल ने कहा कि चार लोगों को बचाया गया, और बचाव कार्य अभी भी जारी हैं। ANI के X पोस्ट में दिखाए गए दृश्यों में स्थानीय लोग और बचाव दल मलबे से घायलों को निकालते नज़र आए।
प्रभावित लोग और प्रत्यक्षदर्शी बयान
हादसे ने कई परिवारों को मातम में डुबो दिया। prokerala.com के अनुसार, एक प्रत्यक्षदर्शी, नरेंद्र सिंह, जो मोटरसाइकिल पर था, ने बताया, “मैं ड्यूटी से घर लौट रहा था। जैसे ही मैं पुल पर पहुँचा, मेरे नीचे का ढांचा ढह गया।”
एक अन्य स्थानीय निवासी ने Hindustan Times को बताया कि एक महिला को नदी में अपने बेटे के लिए मदद माँगते सुना गया, जो उलटी ईको वैन में फँसा था। हादसे ने स्थानीय समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया, क्योंकि यह पुल दैनिक आवागमन और माल ढुलाई के लिए महत्वपूर्ण था।
संभावित कारण: रखरखाव में लापरवाही?
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। India TV के अनुसार, निवासियों का दावा है कि उन्होंने कई बार प्रशासन को पुल की खराब स्थिति के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। Amar Ujala ने बताया कि यह 45 साल पुराना पुल भारी वाहनों के लिए असुरक्षित था, और इसकी मरम्मत की माँग को नज़रअंदाज़ किया गया। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने दावा किया कि पुल का रखरखाव समय-समय पर किया जाता था, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि हादसे के सटीक कारण की जांच होगी।
Hindustan Times ने उल्लेख किया कि हाल की भारी बारिश ने नदी का जलस्तर बढ़ा दिया, जिससे पुल पर दबाव बढ़ा हो सकता है। तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम, जिसमें मुख्य अभियंता (डिज़ाइन) और दक्षिण गुजरात के मुख्य अभियंता शामिल हैं, को जांच के लिए भेजा गया है।
सरकारी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और X पर लिखा, “वडोदरा जिले में पुल ढहने से हुई मौतें अत्यंत दुखद हैं। मेरी संवेदनाएँ उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया।” उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
Economic Times के अनुसार, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी शोक व्यक्त किया और कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ है। उन्होंने सड़क और भवन विभाग को जांच का आदेश दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हादसे पर दुख जताया और कहा, “वडोदरा में पुल ढहने और वाहनों के नदी में गिरने से कई निर्दोष लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद है।” The Statesman के अनुसार, गुजरात कांग्रेस के नेता अमित छवड़ा ने बीजेपी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया, दावा करते हुए कि “पुल की जर्जर स्थिति एक आपदा को आमंत्रित कर रही थी।” Times of India ने बताया कि कांग्रेस ने X पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने सरकार की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया।
ऐतिहासिक संदर्भ और बुनियादी ढाँचे पर सवाल
यह हादसा गुजरात में बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल उठाता है। Hindustan Times के अनुसार, अक्टूबर 2022 में गुजरात के मोरबी में एक केबल ब्रिज के ढहने से 135 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद प्रशासन ने बुनियादी ढाँचे की जाँच का वादा किया था। गम्भीरा पुल, जो 900 मीटर लंबा और 23 पियर्स वाला है, भारी वाहनों के लिए महत्वपूर्ण था।
The Hindu ने बताया कि हाल की भारी बारिश और बाढ़ ने पुराने ढांचों पर दबाव बढ़ाया, लेकिन रखरखाव की कमी एक बड़ा कारण हो सकता है। स्थानीय निवासियों ने NDTV को बताया कि पुल पर भारी ट्रकों का आवागमन आम था, जिसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।
बचाव कार्यों का विवरण
बचाव कार्यों में स्थानीय लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ANI के X पोस्ट में दिखाया गया कि एक ट्रक टूटे पुल के किनारे पर लटक रहा था, जिसे क्रेन की मदद से निकाला गया। वडोदरा नगर निगम की फायर ब्रिगेड ने नावों और डाइवर्स का उपयोग किया।
LiveMint के अनुसार, बचाव दल ने पांच घायलों को तुरंत अस्पताल पहुँचाया, जिनमें से दो की हालत गंभीर थी। Amar Ujala ने बताया कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने क्षेत्र को घेर लिया और यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ा गया।
ताज़ा अपडेट्स (9 जुलाई 2025)
- सुबह 9:22 बजे: ANI ने हादसे की पहली तस्वीरें साझा कीं, जिसमें बचाव कार्य शुरू होने की जानकारी दी।
- सुबह 10:48 बजे: आनंद के SP गौरव जसानी ने ANI को बताया कि तीन से चार वाहन नदी में गिरे।
- दोपहर 12:05 बजे: मेडिकल ऑफिसर राहुल सिंह ने ANI को बताया कि 10 शव अस्पताल पहुँचे।
- दोपहर 12:51 बजे: ANI ने पुष्टि की कि नौ शव बरामद हुए, और नौ घायल अस्पताल में भर्ती हैं।
- दोपहर 1:40 बजे: एक ट्रक के लटकने का वीडियो ANI पर वायरल हुआ।
- दोपहर 3:00 बजे: बचाव कार्य पूरे हुए, और जांच शुरू हो गई।
प्रभाव और भविष्य
हादसे ने आनंद और वडोदरा के बीच सड़क संपर्क को बाधित कर दिया, जिससे माल ढुलाई और दैनिक आवागमन प्रभावित हुआ। Deccan Herald के अनुसार, यह मार्ग सौराष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है, और इसके बंद होने से स्थानीय व्यापार पर असर पड़ेगा।
यह हादसा सरकार पर दबाव बढ़ा रहा है कि वह पुराने पुलों और सड़कों की जाँच करे। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ के कारण बुनियादी ढाँचे पर निगरानी बढ़ाई जाए।
निष्कर्ष
गम्भीरा पुल हादसा एक दुखद अनुस्मारक है कि बुनियादी ढाँचे की उपेक्षा कितनी घातक हो सकती है। स्थानीय लोगों की चेतावनियों को नज़रअंदाज़ करना और समय पर मरम्मत न करना इस त्रासदी का कारण बना।
सरकार ने त्वरित कार्रवाई और मुआवज़े की घोषणा की, लेकिन यह हादसा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदमों की माँग करता है। Al Jazeera ने इसे गुजरात में बुनियादी ढाँचे की विफलता का प्रतीक बताया।