टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने 27 जुलाई 2025 को घोषणा की कि वह अपनी वैश्विक कार्यबल का 2% यानी लगभग 12,000 नौकरियाँ कम करेगा। यह निर्णय तकनीकी उद्योग में चल रही व्यापक छंटनी की लहर का हिस्सा है, जहाँ माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, और गूगल जैसी कंपनियाँ भी हजारों कर्मचारियों को निकाल रही हैं।
टीसीएस के सीईओ के. कृतिवासन ने कहा कि यह कदम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की उत्पादकता वृद्धि के कारण नहीं, बल्कि कौशल बेमेल और कर्मचारियों को नए प्रोजेक्ट्स में तैनात करने में असमर्थता के कारण उठाया गया। यह छंटनी वित्तीय वर्ष 2026 तक पूरी होगी। यह लेख टीसीएस के निर्णय और टेक उद्योग में छंटनी के व्यापक संदर्भ को रेखांकित करता है।
टीसीएस का छंटनी निर्णय
टीसीएस, जिसके पास जून 2025 तक 6,13,000 कर्मचारी थे, ने मध्यम और वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों को मुख्य रूप से प्रभावित करने की योजना बनाई है। कृतिवासन ने बताया कि यह छंटनी AI के कारण नहीं, बल्कि कंपनी को भविष्य के लिए तैयार करने की रणनीति का हिस्सा है। कंपनी ने 5,50,000 कर्मचारियों को AI और उभरती तकनीकों में बुनियादी प्रशिक्षण और 1,00,000 को उन्नत प्रशिक्षण दिया है।
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फिर भी, कुछ कर्मचारी, विशेष रूप से पुराने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और वाटरफॉल मॉडल में काम करने वाले, नए मॉडल में फिट नहीं हो पाए। यह कदम कंपनी की चुस्त और उत्पाद-केंद्रित कार्यबल की ओर बढ़ने की रणनीति को दर्शाता है।
AI का प्रभाव या रणनीतिक पुनर्गठन?
टेक उद्योग में छंटनी को अक्सर AI से जोड़ा जाता है, लेकिन कंपनियाँ इसे स्पष्ट रूप से स्वीकार करने से बच रही हैं। टीसीएस के सीईओ ने स्पष्ट किया कि 20% उत्पादकता वृद्धि के बावजूद AI इस छंटनी का कारण नहीं है। इसके बजाय, यह कौशल बेमेल और ग्राहकों की बदलती माँगों, जैसे उत्पाद-केंद्रित मॉडल और अधिक चुस्तता, के कारण है।
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दूसरी ओर, माइक्रोसॉफ्ट ने 15,000 और इंटेल ने 24,000 नौकरियों में कटौती की, जिसे AI-केंद्रित परिवर्तन के हिस्से के रूप में बताया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि AI स्वचालन पारंपरिक भूमिकाओं को बदल रहा है, लेकिन कंपनियाँ इसे “पुनर्गठन” या “दक्षता” जैसे शब्दों से ढक रही हैं।
व्यापक टेक छंटनी
2025 में अब तक 94,000 से अधिक टेक नौकरियाँ विश्व स्तर पर खत्म हो चुकी हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने चार दौर में 15,000 कर्मचारियों को निकाला, जिसमें Xbox गेमिंग और सेल्स टीमें शामिल हैं। गूगल ने अपने वैश्विक बिजनेस संगठन से 200 कर्मचारियों को हटाया, जबकि इंटेल ने “छोटी और अधिक कुशल” कंपनी बनने के लिए 24,000 नौकरियों में कटौती की।
पैनासोनिक ने भी 10,000 नौकरियों को कम करने की योजना बनाई, जिसमें आधे जापान में हैं। ये कटौतियाँ दर्शाती हैं कि टेक कंपनियाँ AI, क्लाउड माइग्रेशन, और लागत अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
टीसीएस की रणनीति
टीसीएस ने छंटनी को सावधानीपूर्वक और “करुणामय” तरीके से लागू करने का वादा किया है। प्रभावित कर्मचारियों को नोटिस अवधि का वेतन, अतिरिक्त विच्छेद पैकेज, विस्तारित बीमा लाभ, और आउटप्लेसमेंट अवसर प्रदान किए जाएंगे। कंपनी ने हाल ही में अपनी बेंच नीति को संशोधित किया, जिसमें कर्मचारियों को प्रति वर्ष कम से कम 225 बिलेबल दिन और 35 दिनों से कम बेंच समय की आवश्यकता है।
यह नीति कर्मचारियों पर प्रोजेक्ट्स में सक्रिय रहने का दबाव डालती है। टीसीएस का कहना है कि यह कदम ग्राहकों की तेज़ डिलीवरी और कम लागत की माँग को पूरा करने के लिए है।
उद्योग पर प्रभाव
टीसीएस की छंटनी का भारतीय आईटी क्षेत्र पर व्यापक असर हो सकता है। नासकॉम के अनुसार, आने वाले महीनों में 50,000 से अधिक टेक कर्मचारी नौकरी खो सकते हैं। इंफोसिस, विप्रो, और टेक महिंद्रा जैसी कंपनियाँ भी 1,500-2,000 नौकरियों में कटौती कर सकती हैं।
मध्यम स्तर के प्रबंधकों और पारंपरिक डेवलपर भूमिकाएँ सबसे अधिक जोखिम में हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्राहक 20-30% कीमत कटौती की माँग कर रहे हैं, जिससे कंपनियाँ AI स्वचालन और जूनियर प्रतिभा प्रशिक्षण पर ध्यान दे रही हैं। यह रुझान कम से कम एक वर्ष तक जारी रह सकता है।
कर्मचारियों की चिंता
टीसीएस की छंटनी ने कर्मचारियों में चिंता पैदा कर दी है, विशेष रूप से मध्यम और वरिष्ठ स्तर के पेशेवरों में। कई कर्मचारी, जिनके पास दशक से अधिक का अनुभव है, नए तकनीकी मॉडल में ढलने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं।
कंपनी ने व्यापक प्रशिक्षण के बावजूद स्वीकार किया कि कुछ कर्मचारियों को उन्नत भूमिकाओं में तैनात करना संभव नहीं है। प्रभावित कर्मचारियों को वित्तीय सहायता और कॅरियर परामर्श प्रदान किया जाएगा। यह स्थिति कर्मचारियों के लिए पुनः कौशल विकास की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
सरकार का रुख
भारत सरकार ने टीसीएस की छंटनी पर नज़र रखने की बात कही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने उद्योग और शिक्षा जगत से कौशल विकास और पुनः कौशल विकास पर ध्यान देने का आग्रह किया। सरकार का मानना है कि AI और नई तकनीकों के कारण होने वाली उथल-पुथल से निपटने के लिए प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है।
यह बयान दर्शाता है कि सरकार टेक उद्योग की बदलती गतिशीलता को समझ रही है। मंत्रालय ने उद्योग के साथ नियमित संपर्क बनाए रखने की बात भी कही।












