महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं – फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

1165
People were suffering in the epidemic, companies kept earning bumper
महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं कंपनियां

विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।

अपने पेट की भूख से लड़ने के लिए कोरोना के दौर में आम लोग यहां वहां जहां तहां भाग रह थे। अधिकतर लोगों को एक ही चिंता खाए जा रही थी कि कैसे भी उनके रहने, खाने और इलाज का जुगाड़ होता रहे। वैसे क्रूर दौर में खाने के सामान और दवा बेचने वाली कंपनियों ने जमकर कमाई की।

जब लोग अपनी गरीबी की वजह से दर्द से कराह रहे थे उस समय दुनिया के खाद्यान्न, दवा, तेल और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों ने भयंकर पैसा बनाया। मुनाफा दर मुनाफा कमाया।

विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफैम इंटरनेशनल की रिपोर्ट बताती है कि मार्च 2022 में खाने के सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी साल 1990 के बाद सबसे अधिक हुई है। खाने के सामान की कीमतों में हुई बढ़ोतरी तब हुई जब कोरोना महामारी की वजह से दुनिया के तकरीबन 26 करोड़ लोग अत्यंत गरीबी के हालात में पहुंच गए थे।

ऐसे में खाने की कीमतों में जब बढ़ोतरी हुई तो इसका सबसे बड़ा असर ग़रीबों पर पड़ा। गरीब लोगों की आमदनी पहले से ही इतनी कम होती है कि वे पेट काट-काटकर और बुनियादी सुविधाओं से खुद को दूर करके अपनी जिंदगी की गाड़ी खींचते हैं। वैसे लोगों की जिंदगी में अगर खाने पीने की कीमतों सहित जीवन की बुनियादी जरूरतों की कीमतों जैसे कि दवाई इलाज और परिवहन में दो से तीन रुपए की भी बढ़ोतरी होती है तो घर पर कहर टूट पड़ता है। कीमतें बढ़ने से ऐसी मार अमीरों को नहीं पड़ती है। अमीरों के पास तो इतना पैसा होता है कि उन्हें पता भी नहीं चलता कि नमक और दाल का भाव कितना है। और जिंदगी मजे से चल रही होती है।

ऑक्सफैम इंटरनेशनल की रिपोर्ट बताती है कि फूड और एग्रीबिजनेस क्षेत्र से जुड़े अरबपतियों की कुल संपत्ति में पिछले 2 सालों में तकरीबन 45% की बढ़ोतरी हुई है। इनकी कुल संपत्ति   382 बिलियन डॉलर हो गई है। इस क्षेत्र में पिछले 2 साल में 62 नए अरबपति शामिल हुए हैं।

खाने के सामानों से जुड़ी कारगिल कंपनी को ही देख लीजिए। यह दुनिया में फूड सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी है। कोरोना के दौर में इस कंपनी की कमाई में 65% का इजाफा हुआ है। महामारी के समय में हर दिन इस कंपनी ने 20 मिलियन डॉलर की कमाई की।

ऐसा भी नहीं है कि इस कंपनी की कमाई का फायदा नीचे तक पहुंचा। कंपनी की कमाई का ज्यादातर हिस्सा उन्हीं लोगों के बीच में बट गया जो परिवार के लोग थे और कंपनी के मालिक थे। दुनिया के 500 अमीर लोगों में इस कंपनी को संभालने वाले परिवार के 4 नए लोग शामिल हुए हैं। इस तरह की बंपर कमाई तब हो रही थी जब प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर अपनी नौकरी गंवा चुके थे। उनके पास आटा दाल चावल सब्जी खरीदने के लिए पैसा नहीं था।

वालमार्ट का नाम तो आपने सुना ही होगा। अमेरिका की सबसे बड़ी सुपरमार्केट चेन है। इस प्राइवेट कंपनी में अमेरिका में, सभी प्राइवेट कंपनियों से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इस कंपनी का 50 फीसदी शेयर वॉल्टन फैमिली के पास है। यानी कंपनी की मालिक वॉल्टन फैमिली है। इस कंपनी ने कोरोना के दौर में प्रति घंटे तकरीबन $5 लाख की कमाई की। कंपनी के मुनाफे और लाभांश से पता चलता है कि कोरोना के दौर में वॉल्टन फैमिली की कमाई पर कोई असर नहीं पड़ा। परिवार ने पहले से ज्यादा कमाया। लेकिन कर्मचारियों ने ज्यादा खोया। बंपर कमाई करने के बाद भी कंपनी ने अपने कर्मचारियों का हाथ नहीं थामा। ऑक्सफैम की रिसर्च बताती है कि वालमार्ट की कीमतों की पूरी सप्लाई चैन में महज 5 से 6% हिस्सा किसानों को मिलता है। यानी जो असली उत्पादक है उसे कुछ भी नहीं मिलता और जो उत्पादन का बाजार संभाल रहा है, उसके पास सारी कमाई पहुंच रही है।

People were facing pain in the epidemic, kept earning bumper - companies of pharma, oil and technology
महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं – फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

तेल क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने कोरोना के दौर में अपने मुनाफे को दोगुना कर दिया। तेल की लागत बढ़ी लेकिन साथ ही साथ तेल क्षेत्र की कंपनियों की कमाई भी बढ़ी। ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े सामानों की कीमत में साल 1973 के बाद इतना बड़ा उछाल देखा गया है। ऊर्जा क्षेत्र यानी कि तेल कोयला बिजली की खासियत यह है कि जब इनकी कीमत बढ़ती है तो जीवन के रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली तकरीबन हर सेवा और सामान की कीमत बढ़ जाती है। पिछले साल पूरे एनर्जी सेक्टर का मुनाफा 45% बढ़ा है। तेल गैस और कोयले के क्षेत्र से जुड़े अरबपतियों की संपत्ति में 24% का इजाफा हुआ है। एनर्जी सेक्टर की दुनिया की 5 सबसे बड़ी कंपनियों ने महामारी के दौर में हर सेकंड तकरीबन $2600 की कमाई की।

दवा क्षेत्र के लिए कोरोना महामारी आपदा में अवसर बनकर उभरी। फार्मा सेक्टर में 40 नए अरबपति जुड़ गए हैं। फार्मा सेक्टर की कमाई की बड़ी वजह उसके भीतर मौजूद एकाधिकार की प्रवृत्ति रही। वैक्सीन, इलाज, टेस्ट, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट  पर एकाधिकार जमाने वाली कंपनियों ने बंपर कमाई की।

इनकी कमाई का सबसे बड़ा जरिया सरकार रही। सरकार ने रिसर्च डेवलपमेंट के नाम पर अनुदान दिया और इनकी जेब में पैसा भारती चली गई। दुनिया की विसंगति को हमेशा याद रखना चाहिए कि जिस दौर में दवा और इलाज की कमी से करोड़ों लोगों ने अपनी जान गवा दी उस दौर में दवा और इलाज के नाम पर कारोबार करने वाली कंपनियों ने बंपर कमाई की। केवल वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों की बात करें तो इन्होंने प्रति सेकेंड तकरीबन $1000 की कमाई की। फार्मास्यूटिकल क्षेत्र की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने वैक्सीन मुहैया कराने के नाम पर तकरीबन 24 गुना ज्यादा कीमत वसूली।

कोरोना महामारी के दौर में जिस वक्त छोटी और बड़ी कंपनियां तबाह हो रही थीं, उस वक्त टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियों ने पैसा कमाने के मामले में शानदार कारोबार किया। दुनिया के 21 सबसे बड़े आर्थिक उद्यमों में पांच आर्थिक उद्यम- एप्पल, अमेज़न, टेस्ला माइक्रोसॉफ्ट, अल्फाबेट टेक्नोलॉजी सेक्टर की है। साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में इन्होंने दोगुना मुनाफा कमाया। दुनिया के 10 सबसे ज्यादा अमीर लोगों में 7 लोग टेक्नोलॉजी सेक्टर से जुड़े हैं। टेक्नोलॉजी सेक्टर में कोरोना के दौरान पैसा बनाने के मामले में सबसे बड़ा कारोबार अमेजन का रहा। साल 2019 के बाद इस कंपनी के मुनाफे में 3 गुने से अधिक का इजाफा हुआ है। इस कंपनी की क्षमता इतनी अधिक बढ़ गई है कि वह दुनिया के हर सामान को अमेजन के स्टोर में रखकर बेच सकती है। अमेजन ने छोटे-छोटे स्टोर रूम और डिलीवरी करने वाले लोगों के साथ मिलकर इतना बड़ा कारोबार बनाया है कि वह दुनिया के बहुत बड़े इलाके की राजनीति में हस्तक्षेप रखने का माद्दा रखती है।

दर्द में कराहते हुए कोरोना के दौर में कमाई की ये बंपर कहानियां बताती हैं कि सरकारों ने वह नहीं किया जो उन्हें करना चाहिए। चुनाव खत्म होने के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार उन लोगों से राशन कार्ड छीन रही है जो राशन कार्ड लेने की योग्यता नहीं रखते हैं। देशभर के कई इलाकों से अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने की खबर आ रही है। लेकिन आर्थिक असमानता की तमाम रिपोर्ट प्रकाशित होने के बावजूद भी सरकार ना ऐसी नीति बनाती है और न ही ऐसा कदम उठाती है जिससे गरीबों के आर्थिक हक पर होने वाले अतिक्रमण को रोका जा सके। अमीरों के मुनाफे को कम कर दुनिया की गैर बराबरी को कम किया जा सके।

Source: hindi.newsclick.in

Previous articleShilpi Raj के बाद सोफ़िया अंसारी का MMS वीडियो लीक
Next articleडाउनलोड करें शिल्पी राज एमएमएस वायरल वीडियो 10 सेकेंड में