पाकिस्तान की कूटनीतिक चाल: 33 देशों में प्रतिनिधिमंडल, भारत पर दबाव की कोशिश
इस्लामाबाद, 11 जून 2025: पाकिस्तान ने मंगलवार को 33 देशों में अपने संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजकर भारत के खिलाफ कूटनीतिक अभियान शुरू किया। यह पहल कश्मीर मुद्दे और इंडस वाटर ट्रीटी पर समर्थन जुटाने के लिए है। भारत ने इसे “प्रचार” करार दिया। यह लेख पहल, तनाव, और प्रतिक्रियाओं पर चर्चा करता है।
पहल का विवरण
10 जून को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने घोषणा की कि संसदीय दल यूरोप, मध्य पूर्व, और एशिया के 33 देशों में जाएँगे। लक्ष्य कश्मीर में “मानवाधिकार उल्लंघन” और इंडस नदी जल संधि पर भारत के कथित उल्लंघनों को उजागर करना है।
पृष्ठभूमि
यह पहल पहलगाम आतंकी हमले (मई 2025) और भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद आई है। पाकिस्तान का मानना है कि भारत ने संधि का उल्लंघन किया है। भारत ने इन आरोपों को खारिज किया।
भारत की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “पाकिस्तान का यह कदम प्रचार से ज्यादा कुछ नहीं। दुनिया आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ है।” भारत ने G20 देशों से समर्थन माँगा।
वैश्विक प्रतिक्रियाएँ
तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान का समर्थन किया, जबकि अमेरिका तटस्थ रहा। हिंदी समाचार India TV ने इसे “पाकिस्तान की बौखलाहट” बताया।
भविष्य
यह पहल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। भारत अपनी कूटनीति को और मजबूत करेगा।