ईरान ने इज़रायल पर किया ‘क्लस्टर बम’ से हमला: बैलिस्टिक मिसाइलों से 20 छोटे बम बरसाए, मचा हड़कंप

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Iran launches cluster bomb attack on Israel
Iran launches cluster bomb attack on Israel

तेल अवीव, 19 जून 2025: ईरान और इज़रायल के बीच तनाव चरम पर है, और अब युद्ध ने एक नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है। इज़रायल रक्षा बल (IDF) ने पुष्टि की है कि ईरान ने गुरुवार सुबह अपने बैलिस्टिक मिसाइल हमले में क्लस्टर बम वॉरहेड का इस्तेमाल किया, जो 100 से अधिक देशों में प्रतिबंधित है। यह पहली बार है जब ईरान ने इज़रायल पर इस तरह के विवादास्पद हथियार का उपयोग किया, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। इस हमले में मिसाइल का वॉरहेड हवा में 7 किलोमीटर की ऊँचाई पर फटा, जिससे करीब 20 छोटे बम 8 किलोमीटर के दायरे में बिखर गए। इस लेख में हम इस घटना के हर पहलू को विस्तार से समझते हैं।

क्लस्टर बम क्या है और यह क्यों खतरनाक है?

क्लस्टर बम एक ऐसा हथियार है, जिसमें एक मुख्य मिसाइल या बम के अंदर कई छोटे-छोटे विस्फोटक (बॉमलेट्स) होते हैं। ये बॉमलेट्स हवा में बिखरकर बड़े क्षेत्र में विस्फोट करते हैं, जिससे व्यापक नुकसान होता है। इज़रायल के होम फ्रंट कमांड के अनुसार, ईरान की मिसाइल ने लगभग 20 बॉमलेट्स छोड़े, जिनमें से प्रत्येक में 2.5 किलोग्राम विस्फोटक था। ये बॉमलेट्स बिना गाइडेंस या प्रोपल्शन के ज़मीन पर गिरते हैं और प्रभाव पर विस्फोट करते हैं, जिससे ये आम नागरिकों के लिए अंधाधुंध खतरा पैदा करते हैं।

ह्यूमन राइट्स वॉच की सीनियर आर्म्स सलाहकार बोनी डोशेरी के अनुसार, क्लस्टर बम “सैनिकों और नागरिकों में भेद नहीं कर सकते, क्योंकि ये बड़े क्षेत्र में बिखरते हैं और कई बॉमलेट्स विस्फोट नहीं करते, जो बाद में लैंडमाइंस की तरह खतरा बने रहते हैं।” 2008 के कन्वेंशन ऑन क्लस्टर म्यूनिशन्स में 100 से अधिक देशों ने इनके उपयोग पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन इज़रायल, ईरान, अमेरिका, रूस, और चीन जैसे देश इस संधि का हिस्सा नहीं हैं।

हमले का विवरण: कहाँ और कैसे हुआ?

IDF के अनुसार, ईरान ने गुरुवार सुबह मध्य इज़रायल के ओर येहुदा, रमात गान, होलोन, और बेर्शेबा जैसे क्षेत्रों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। इनमें से एक मिसाइल में क्लस्टर बम वॉरहेड था, जो 7 किलोमीटर की ऊँचाई पर फट गया। इसके परिणामस्वरूप:

  • 20 बॉमलेट्स 8 किलोमीटर के दायरे में बिखरे, जिनमें से कुछ ने आवासीय क्षेत्रों, एक डेकेयर सेंटर, और सोरोका हॉस्पिटल (बेर्शेबा) को निशाना बनाया।
  • एक बॉमलेट ने ओर येहुदा में एक अपार्टमेंट की बालकनी को नुकसान पहुँचाया, जबकि अन्य कई बॉमलेट्स विस्फोट नहीं हुए, जिससे क्षेत्र में खतरा बना रहा।
  • बेर्शेबा के सोरोका हॉस्पिटल में हुए हमले से व्यापक क्षति हुई, जिसमें कई वार्ड्स नष्ट हो गए, खिड़कियाँ टूट गईं, और छतें ढह गईं। करीब 200 मरीजों को अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित करना पड़ा। हालांकि, इस हमले में गंभीर चोटों की कोई खबर नहीं है।
  • ईरान ने दावा किया कि उसका निशाना पास का एक सैन्य खुफिया केंद्र था, न कि अस्पताल।

IDF ने जनता को चेतावनी दी है कि अगर कोई अनविस्फोटित बॉमलेट दिखे, तो उसे छूने की बजाय तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। होम फ्रंट कमांड ने इस “नए खतरे” के खिलाफ जागरूकता अभियान शुरू किया है।

हमले का संदर्भ: ईरान-इज़रायल संघर्ष

Iran attacks Israel with cluster bombs and ballistic missiles
Iran attacks Israel with cluster bombs and ballistic missiles

यह हमला ईरान और इज़रायल के बीच पिछले एक सप्ताह से चल रहे तीव्र सैन्य संघर्ष का हिस्सा है। इज़रायल ने शुक्रवार को ऑपरेशन राइज़िंग लायन शुरू किया, जिसमें उसने ईरान के नतांज़ और फोर्डो न्यूक्लियर साइट्स, सैन्य कमांडरों, और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को निशाना बनाया। इज़रायल का दावा है कि यह हमला ईरान के परमाणु हथियार बनाने की योजना और बैलिस्टिक मिसाइलों के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए जरूरी था।

ईरान ने जवाब में 450 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 1000 ड्रोन इज़रायल पर दागे हैं, जिनमें से अधिकांश को इज़रायल की आयरन डोम और अन्य हवाई रक्षा प्रणालियों ने रोक लिया। हालांकि, कुछ मिसाइलें रक्षा प्रणाली को भेदने में सफल रहीं, जिससे 24 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए। रमात गान में एक 70 वर्षीय महिला की मलबे से निकाले जाने के बाद मृत्यु हो गई, और हाइफा में तीन लोग एक तेल रिफाइनरी पर हमले में मारे गए।

ईरान के हमलों ने तेल अवीव, हाइफा, और बेर्शेबा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया, जिससे अपार्टमेंट, अस्पताल, और सैन्य सुविधाओं को नुकसान पहुँचा। दूसरी ओर, इज़रायल ने ईरान में 150 से अधिक ठिकानों पर हमले किए, जिनमें नतांज़ का न्यूक्लियर साइट, अराक हेवी वॉटर रिएक्टर, और तेहरान में रक्षा मंत्रालय मुख्यालय शामिल हैं। ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों में 224 लोग मारे गए, जिनमें 90% नागरिक थे, हालांकि वाशिंगटन स्थित ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स ने 639 मौतों का दावा किया है।

क्लस्टर बम का महत्व: क्यों चिंता की बात?

  • Mario Peshkurova, 30, की मौत की पुष्टि: ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल ने मध्य इज़रायल में हाई-राइज़ अपार्टमेंट को मारा।
  • अंधाधुंध नुकसान: क्लस्टर बम बड़े क्षेत्र में नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे नागरिकों को खतरा बढ़ जाता है। बेर्शेबा में डेकेयर सेंटर पर हमला इसका उदाहरण है।
  • अनविस्फोटित बॉमलेट्स: कई बॉमलेट्स विस्फोट नहीं करते और लंबे समय तक खतरा बने रहते हैं, जिससे बचाव कार्य जटिल हो जाते हैं।
  • कानूनी विवाद: 2008 के कन्वेंशन के तहत क्लस्टर बम प्रतिबंधित हैं, लेकिन ईरान और इज़रायल इस संधि के हस्ताक्षरकर्ता नहीं हैं। फिर भी, इसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय समुदाय में निंदा का कारण बन सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान के पास खोरमशहर-4 और कियाम जैसी मिसाइलें हैं, जो क्लस्टर वॉरहेड ले जा सकती हैं। इस हमले से पता चलता है कि ईरान अपने शस्त्रागार के सबसे खतरनाक हथियारों का उपयोग कर रहा है।

इज़रायल और विश्व का रुख

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को “युद्ध अपराध” करार दिया और तेहरान के नेतृत्व के खिलाफ “कड़ा जवाब” देने की कसम खाई। IDF ने कहा कि वह ईरान के बचे हुए मिसाइल लॉन्चरों को नष्ट करने के लिए हमले तेज करेगा। इज़रायल ने दावा किया कि उसने ईरान के एक-तिहाई लॉन्ग-रेंज मिसाइल लॉन्चरों को नष्ट कर दिया है, जिससे ईरान की जवाबी कार्रवाई की क्षमता कम हो रही है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने नागरिकों को “सहायक क्षति” मानने की निंदा की और “अधिकतम संयम” की माँग की। अमेरिका ने इज़रायल की मिसाइल रक्षा में मदद की, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ परमाणु समझौते की उम्मीद जताई।

ईरान ने संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था IAEA के पास शिकायत दर्ज की, जिसमें इज़रायल पर परमाणु सुविधाओं पर हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, लेकिन इज़रायल और पश्चिमी देश इसे हथियार बनाने की दिशा में कदम मानते हैं।

प्रभाव और भविष्य की आशंका

  • नागरिकों पर असर: इज़रायल में क्षतिग्रस्त इमारतें, अस्पताल, और डेकेयर सेंटर ने नागरिक जीवन को प्रभावित किया है। ईरान में 224 से 639 लोगों की मौत की खबरें हैं, जिनमें बच्चे और नागरिक शामिल हैं।
  • क्षेत्रीय तनाव: यह संघर्ष क्षेत्रीय शक्तियों और वैश्विक हस्तक्षेप को बढ़ा सकता है। अमेरिका पहले से ही इज़रायल की मिसाइल रक्षा में शामिल है, और ईरान ने अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दी है।
  • परमाणु खतरा: इज़रायल का दावा है कि ईरान कुछ हफ्तों में परमाणु बम बना सकता है, जबकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियाँ इसे एक साल दूर मानती हैं।
  • सैन्य रणनीति: ईरान की मिसाइल क्षमता कम हो रही है, लेकिन उसके पास अभी भी 750-1000 लॉन्ग-रेंज मिसाइलें हैं। इज़रायल की वायु रक्षा और हमले इस खतरे को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।

निष्कर्ष

ईरान द्वारा क्लस्टर बम का उपयोग इज़रायल-ईरान संघर्ष में एक खतरनाक वृद्धि है। यह हथियार न केवल बड़े क्षेत्र में नुकसान पहुँचाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय निंदा को भी आकर्षित करता है। इज़रायल की जवाबी कार्रवाई और ईरान की लगातार मिसाइल बौछार से यह युद्ध और भयावह हो सकता है। वैश्विक समुदाय की नज़र इस क्षेत्र पर टिकी है, क्योंकि यह संघर्ष न केवल मध्य पूर्व, बल्कि वैश्विक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।

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