भारत 15 अगस्त, 2025 को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। यह दिन देश के लिए गर्व और एकता का प्रतीक है, जब हम 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी की याद ताजा करते हैं। लेकिन हर साल की तरह, इस बार भी एक सवाल लोगों के मन में उमड़ रहा है:
क्या हम 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं या 79वाँ? यह भ्रम गणना के दो अलग-अलग तरीकों से उत्पन्न होता है। आइए इस लेख में इस सवाल का जवाब तथ्यों और आधिकारिक जानकारी के आधार पर समझते हैं।
स्वतंत्रता दिवस का ऐतिहासिक महत्व
15 अगस्त, 1947 को भारत ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी हासिल की थी। यह दिन न केवल स्वतंत्रता का उत्सव है, बल्कि उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों और आम नागरिकों की कुर्बानियों का सम्मान भी है, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
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इस दिन, भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराया और ऐतिहासिक “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” भाषण दिया। तब से हर साल 15 अगस्त को देशभर में धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, जिसमें प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
78वाँ या 79वाँ: भ्रम का कारण
स्वतंत्रता दिवस की गिनती को लेकर भ्रम दो दृष्टिकोणों से उत्पन्न होता है। कुछ लोग मानते हैं कि गिनती 1947 से शुरू होनी चाहिए, जब भारत ने पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया। वहीं, कुछ लोग इसे 1948 से गिनते हैं, जब पहली वर्षगांठ मनाई गई।
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अगर हम 1947 को पहला स्वतंत्रता दिवस मानें, तो 2025 में यह 79वाँ स्वतंत्रता दिवस होगा। लेकिन अगर गिनती 1948 से शुरू की जाए, तो यह 78वाँ होगा। इस गणना का अंतर ही भ्रम का मुख्य कारण है।
आधिकारिक तौर पर, भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने स्पष्ट किया है कि 15 अगस्त, 2025 को भारत अपना 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। पीएमओ द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया, “जैसा कि भारत अपने 79वें स्वतंत्रता दिवस की तैयारी कर रहा है, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सभी नागरिकों से 15 अगस्त को लाल किले से उनके संबोधन के लिए विचार और सुझाव साझा करने का आह्वान किया है।” यह बयान स्पष्ट करता है कि 2025 में हम 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं।
गणना को समझें
भ्रम को दूर करने के लिए आइए गणना को सरलता से समझें:
- 15 अगस्त, 1947 को भारत ने पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया, जिसे गिनती में “पहला” माना जाता है।
- 1948 में दूसरा स्वतंत्रता दिवस, 1949 में तीसरा, और इसी तरह आगे बढ़ते हुए।
- 2024 में भारत ने अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया।
- इसलिए, 2025 में यह 79वाँ स्वतंत्रता दिवस होगा।
हालांकि, कुछ लोग 2025 में 78 वर्ष पूरे होने की गणना (2025-1947=78) के आधार पर इसे 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मान लेते हैं। लेकिन यह गणना पूर्ण वर्षों को दर्शाती है, न कि स्वतंत्रता दिवस समारोहों की संख्या को। स्वतंत्रता दिवस की गिनती उस दिन से शुरू होती है, जब पहली बार तिरंगा फहराया गया था, यानी 1947 से।
स्वतंत्रता दिवस 2025 की तैयारियाँ
इस साल स्वतंत्रता दिवस की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से तिरंगा फहराएँगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे। इस संबोधन में देश की प्रगति, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होगी। सरकार ने नागरिकों से मायगव और नमो ऐप के माध्यम से अपने विचार साझा करने का आह्वान किया है, ताकि यह संबोधन समावेशी और जन-केंद्रित हो।
इसके अलावा, सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत नागरिकों से अपने घरों पर तिरंगा फहराने और इसकी तस्वीरें ऑनलाइन साझा करने की अपील की गई है। यह अभियान, जो तीसरे वर्ष में है, देशभक्ति की भावना को बढ़ाने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का प्रयास है। साथ ही, ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत देशभर में 15 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
स्वतंत्रता का उत्सव और इसका महत्व
स्वतंत्रता दिवस केवल एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं है, बल्कि यह उन बलिदानों की याद दिलाता है, जिन्होंने भारत को एक संप्रभु राष्ट्र बनाया। महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में भारत ने अहिंसक प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा के माध्यम से ब्रिटिश शासन को समाप्त किया। इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमिनार और झंडारोहण समारोह आयोजित किए जाते हैं।
2025 का स्वतंत्रता दिवस भारत के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह देश की आजादी के 79वें वर्ष का प्रतीक है। यह वह समय है जब भारत अपनी सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी प्रगति पर विचार करता है। एक नव स्वतंत्र राष्ट्र से लेकर तकनीक, अंतरिक्ष और कूटनीति में वैश्विक नेता बनने तक, भारत की यात्रा उल्लेखनीय रही है।
देशभक्ति की भावना
स्वतंत्रता दिवस का उत्सव देशभक्ति और एकता की भावना को मजबूत करता है। लोग तिरंगे से सजाए गए घरों, सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर देशभक्ति के गीत गाते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता एक अनमोल उपहार है, जिसे संरक्षित करने की जिम्मेदारी हम सभी की है।









