15 अगस्त 2025 को भारत अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाएगा, जिस दिन 1947 में देश ने 200 साल के ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से मुक्ति प्राप्त की थी। इस दिन तिरंगा पूरे देश में फहराया जाएगा, देशभक्ति के गीत गूँजेंगे, और लोग स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद करेंगे। लेकिन भारत अकेला देश नहीं है जो इस तारीख को आजादी का जश्न मनाता है।
दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, बहरीन, लिकटेंस्टीन, और कांगो गणराज्य (कांगो-ब्राज़ाविल) भी 15 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता या राष्ट्रीय दिवस मनाते हैं। यह लेख इन देशों की स्वतंत्रता की कहानियों और उनके उत्सवों पर प्रकाश डालता है।
भारत का स्वतंत्रता दिवस
15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता हासिल की, जिसके बाद देश दो स्वतंत्र राष्ट्रों—भारत और पाकिस्तान—में विभाजित हो गया। इस दिन पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराया, जो अब हर साल की परंपरा है।
स्वतंत्रता की लड़ाई में महात्मा गाँधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं और अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद किया जाता है। यह दिन भारतीयों के लिए गर्व और आत्मनिर्णय का प्रतीक है। देश भर में स्कूल, कार्यालय, और सार्वजनिक स्थानों पर उत्सव आयोजित किए जाते हैं।
दक्षिण कोरिया: ग्वांगबोकजोल
दक्षिण कोरिया 15 अगस्त को “ग्वांगबोकजोल” या “प्रकाश की पुनर्स्थापना का दिन” मनाता है, जो 1945 में 35 साल के जापानी औपनिवेशिक शासन से मुक्ति का प्रतीक है। यह दिन कोरिया के लिए सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, जिसे सांस्कृतिक आयोजनों, देशभक्ति प्रदर्शनों, और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि के साथ मनाया जाता है।
इस दिन सार्वजनिक कार्यालय बंद रहते हैं, और लोग उन लोगों को याद करते हैं जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। 1948 में स्वतंत्र कोरियाई सरकार की स्थापना के बाद यह उत्सव और भी भव्य हो गया। ग्वांगबोकजोल कोरियाई लोगों के लिए एकता और लचीलेपन का प्रतीक है।
उत्तर कोरिया: राष्ट्रीय मुक्ति दिवस
उत्तर कोरिया भी 15 अगस्त को “राष्ट्रीय मुक्ति दिवस” या “चोगुखाएबांगुई नाल” (पितृभूमि की मुक्ति का दिन) के रूप में मनाता है। यह दिन 1945 में जापानी कब्जे से मुक्ति को चिह्नित करता है, जो दक्षिण कोरिया के साथ साझा है, और यह दोनों देशों का एकमात्र साझा सार्वजनिक अवकाश है। हालांकि, उत्तर कोरिया में इसे अपनी राजनीतिक विचारधारा और परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है, जिसमें सैन्य परेड और सरकारी समारोह शामिल हैं।
1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में अमेरिकी और सोवियत बलों ने कोरियाई प्रायद्वीप को मुक्त किया, जिसके बाद 1948 में दो अलग-अलग सरकारें बनीं। यह दिन उत्तर कोरिया में राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।
बहरीन: स्वतंत्रता का ऐतिहासिक मील का पत्थर
बहरीन ने 15 अगस्त 1971 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की घोषणा की, जो भारत के आजाद होने के 24 साल बाद हुई। संयुक्त राष्ट्र द्वारा बहरीन की जनता के बीच किए गए सर्वेक्षण के बाद ब्रिटेन ने अपनी सेनाएँ वापस बुलाईं, और एक दोस्ती संधि पर हस्ताक्षर किए गए।
हालांकि, बहरीन 15 अगस्त को आधिकारिक तौर पर स्वतंत्रता दिवस के रूप में नहीं मनाता, बल्कि 16 दिसंबर को राष्ट्रीय दिवस के रूप में उत्सव मनाता है, जो दिवंगत अमीर ईसा बिन सलमान अल खलीफा के सिंहासनारोहण की तारीख है। फिर भी, 15 अगस्त बहरीन के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह दिन खाड़ी क्षेत्र में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बहरीन की यात्रा की शुरुआत को दर्शाता है।
लिकटेंस्टीन: राष्ट्रीय दिवस
यूरोप का छठा सबसे छोटा देश लिकटेंस्टीन 15 अगस्त को अपना राष्ट्रीय दिवस या “स्टाट्सफीयरटैग” मनाता है, जो 1866 में जर्मन प्रभाव से स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह तारीख अनूठी है, क्योंकि यह 1940 में तत्कालीन शासक प्रिंस फ्रांज जोसेफ II के जन्मदिन (16 अगस्त) और मैरी के स्वर्गारोहण पर्व के साथ संयोजित की गई थी।
लिकटेंस्टीन में इस दिन परेड, आतिशबाजी, और वाडुज़ महल के सामने शाही परिवार का भाषण आयोजित होता है। 1990 में इसे आधिकारिक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया, जो देश के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है। यह दोहरा उत्सव लिकटेंस्टीन की छोटी आबादी के लिए एकता और गर्व का अवसर है।
कांगो गणराज्य: कांगो राष्ट्रीय दिवस
कांगो गणराज्य (कांगो-ब्राज़ाविल के रूप में भी जाना जाता है) 15 अगस्त 1960 को फ्रांस से स्वतंत्रता प्राप्त करने के उपलक्ष्य में “कांगो राष्ट्रीय दिवस” मनाता है। पहले फ्रेंच कांगो के रूप में जाना जाने वाला यह मध्य अफ्रीकी देश 80 साल के औपनिवेशिक शासन के बाद एक स्वतंत्र गणराज्य बना।
इस दिन को आधिकारिक समारोहों, सांस्कृतिक प्रदर्शनों, और सार्वजनिक सभाओं के साथ मनाया जाता है, जो स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत को सम्मानित करते हैं। यह उत्सव कांगो के लोगों के लिए उनकी स्वायत्तता और राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है। कांगो-ब्राज़ाविल को डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो से अलग करने के लिए इसका नाम स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाता है।
साझा स्वतंत्रता का महत्व
15 अगस्त को स्वतंत्रता या राष्ट्रीय दिवस मनाने वाले ये देश भौगोलिक और ऐतिहासिक रूप से भिन्न हैं, लेकिन उनकी कहानियाँ स्वायत्तता और आत्मनिर्णय के साझा भाव को दर्शाती हैं। भारत और बहरीन ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से मुक्ति प्राप्त की, जबकि दक्षिण और उत्तर कोरिया ने जापानी कब्जे से आजादी हासिल की।
लिकटेंस्टीन और कांगो ने क्रमशः जर्मन और फ्रांसीसी प्रभाव से स्वतंत्रता प्राप्त की। ये देश अपने-अपने तरीकों से इस दिन को मनाते हैं, जिसमें परेड, सांस्कृतिक आयोजन, और आधिकारिक समारोह शामिल हैं। यह संयोग इन देशों को एक अनूठे ऐतिहासिक बंधन में जोड़ता है।
उत्सवों की विविधता
इन देशों में 15 अगस्त का उत्सव उनकी सांस्कृतिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि को दर्शाता है। भारत में लाल किले पर ध्वजारोहण और देशभक्ति गीत प्रमुख हैं, जबकि दक्षिण कोरिया में ग्वांगबोकजोल पर स्मारक समारोह और प्रदर्शन होते हैं। उत्तर कोरिया अपने सैन्य-केंद्रित समारोहों के साथ इस दिन को चिह्नित करता है।
लिकटेंस्टीन में आतिशबाजी और शाही भाषण उत्सव का हिस्सा हैं, जबकि कांगो में सांस्कृतिक प्रदर्शन राष्ट्रीय गौरव को दर्शाते हैं। बहरीन, भले ही इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में नहीं मनाता, फिर भी इसकी ऐतिहासिक महत्ता को स्वीकार करता है।
वैश्विक संदर्भ
15 अगस्त को इन देशों का स्वतंत्रता या राष्ट्रीय दिवस मनाना वैश्विक इतिहास में एक अनोखा संयोग है। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत ने दक्षिण और उत्तर कोरिया की मुक्ति को संभव बनाया, जबकि उपनिवेशवाद के खिलाफ वैश्विक आंदोलनों ने भारत, बहरीन, और कांगो की स्वतंत्रता को आकार दिया।
लिकटेंस्टीन की कहानी यूरोपीय राजनीतिक परिवर्तनों से जुड़ी है। ये देश, भले ही आकार और प्रभाव में भिन्न हों, स्वतंत्रता की साझा भावना को दर्शाते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की लड़ाई सार्वभौमिक है।