GCMMF: अशोक चौधरी बने अमूल के चेयरमैन, गोरधन धामेलिया वाइस-चेयरमैन

12
GCMMF chairman Ashok Chaudhary
GCMMF chairman Ashok Chaudhary

गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF), जो अमूल ब्रांड का संचालन करता है, ने 22 जुलाई 2025 को अपने नए चेयरमैन और वाइस-चेयरमैन की घोषणा की। मेहसाणा की दूधसागर डेयरी के चेयरमैन अशोक चौधरी को सर्वसम्मति से नया चेयरमैन चुना गया। राजकोट डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन के चेयरमैन गोरधन धामेलिया को वाइस-चेयरमैन नियुक्त किया गया।

यह बदलाव निवर्तमान चेयरमैन शमलभाई पटेल और वाइस-चेयरमैन वलमजी हुंबल के ढाई साल के कार्यकाल के बाद हुआ। यह लेख GCMMF के नए नेतृत्व और इसके प्रभावों पर प्रकाश डालता है।

सर्वसम्मति से हुआ चुनाव

GCMMF के 18 सदस्य डेयरी यूनियनों के चेयरमैनों ने आनंद में आयोजित बैठक में हिस्सा लिया। अशोक चौधरी का नाम साबरकांठा मिल्क यूनियन के चेयरमैन शमलभाई पटेल ने प्रस्तावित किया, जिसे अमरेली मिल्क यूनियन के चेयरमैन अश्विनभाई सलाविया ने समर्थन दिया।

गोरधन धामेलिया का नाम कच्छ मिल्क यूनियन के चेयरमैन वलमजी हुंबल ने प्रस्तावित किया और अहमदाबाद मिल्क यूनियन के चेयरमैन मोहन भरवाड़ ने समर्थन दिया। आनंद के जिला कलेक्टर और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार की उपस्थिति में यह प्रक्रिया पूरी हुई। GCMMF की 1973 से चली आ रही सर्वसम्मति की परंपरा इस बार भी कायम रही।

अशोक चौधरी की पृष्ठभूमि

अशोक चौधरी (55) मेहसाणा जिले के विसनगर तालुका के चित्रोदीपुरा गाँव के रहने वाले हैं। वे मेहसाणा BJP इकाई के प्रमुख नेता हैं और 2005-2007 तक मेहसाणा नगर पालिका के अध्यक्ष रहे। 2015 में वे दूधसागर डेयरी के निदेशक बने।

2021 में उन्होंने पूर्व गुजरात गृह मंत्री और GCMMF के पूर्व चेयरमैन विपुल चौधरी के समर्थित पैनल को हराकर दूधसागर डेयरी का चेयरमैन पद हासिल किया। उनकी नियुक्ति उत्तर गुजरात के सहकारी क्षेत्र में उनके प्रभाव को दर्शाती है।

गोरधन धामेलिया का योगदान

गोरधन धामेलिया राजकोट डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन (गोपाल डेयरी) के चेयरमैन हैं। उनकी नियुक्ति से GCMMF में उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की गई है। धामेलिया का सहकारी डेयरी क्षेत्र में अनुभव उनकी नई भूमिका में महत्वपूर्ण होगा।

उन्होंने GCMMF के 36 लाख डेयरी किसानों के लिए काम करने की प्रतिबद्धता जताई। उनकी नियुक्ति क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को मजबूत करती है।

GCMMF का महत्व

GCMMF, जिसे अमूल फेडरेशन के नाम से जाना जाता है, दुनिया का सबसे बड़ा किसान-स्वामित्व वाला डेयरी सहकारी संगठन है। यह 18 डेयरी यूनियनों के माध्यम से 36 लाख किसानों का प्रतिनिधित्व करता है। इसका वार्षिक टर्नओवर 90,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

यह प्रतिदिन 300 लाख लीटर दूध संभालता है। अमूल भारत की सबसे बड़ी खाद्य उत्पाद संगठन है और वैश्विक डेयरी ब्रांड के रूप में उभरा है।

नेतृत्व परिवर्तन का कारण

निवर्तमान चेयरमैन शमलभाई पटेल का कार्यकाल हिम्मतनगर में डेयरी किसानों के विरोध प्रदर्शनों के कारण विवादों में रहा। इन विरोधों में पुलिस के साथ झड़पें भी हुईं। इससे उनकी स्थिति कमजोर हुई और नए नेतृत्व की आवश्यकता महसूस की गई।

अशोक चौधरी और गोरधन धामेलिया की नियुक्ति BJP के समर्थन से हुई। यह GCMMF की सहकारी परंपरा को बनाए रखते हुए राजनीतिक प्रभाव को दर्शाता है।

अशोक चौधरी का दृष्टिकोण

चुनाव के बाद, चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को अमूल को वैश्विक ब्रांड बनाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वे 36 लाख डेयरी किसानों की समर्पण और विश्वास को बनाए रखेंगे।

चौधरी ने अमूल के संस्थापक त्रिभुवनदास पटेल को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सहकारी मॉडल को मजबूत करने और अमूल को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प लिया। उनकी प्राथमिकता किसानों के कल्याण और GCMMF की वृद्धि होगी।

भविष्य की संभावनाएँ

चौधरी और धामेलिया का नेतृत्व GCMMF को वैश्विक स्तर पर और मजबूत कर सकता है। अमूल का सहकारी मॉडल भारत के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा है। नया नेतृत्व किसानों की आय बढ़ाने और उत्पादन क्षमता पर ध्यान देगा।

हालांकि, राजनीतिक प्रभाव से स्वतंत्रता बनाए रखना एक चुनौती हो सकती है। GCMMF की एकजुटता और सर्वसम्मति की परंपरा इसकी ताकत बनी रहेगी।

निष्कर्ष

अशोक चौधरी और गोरधन धामेलिया की नियुक्ति GCMMF के लिए एक नया अध्याय शुरू करती है। अमूल की वैश्विक सफलता और सहकारी मॉडल को मजबूत करने की जिम्मेदारी अब इनके कंधों पर है।

यह बदलाव 36 लाख किसानों के विश्वास को दर्शाता है। GCMMF की सर्वसम्मति की परंपरा इसकी एकता को रेखांकित करती है। यह नेतृत्व अमूल को और ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।

FAQ

1. अशोक चौधरी कौन हैं?
वे मेहसाणा की दूधसागर डेयरी के चेयरमैन और GCMMF के नए चेयरमैन हैं।
2. GCMMF का नया वाइस-चेयरमैन कौन है?
गोरधन धामेलिया, राजकोट की गोपाल डेयरी के चेयरमैन, वाइस-चेयरमैन हैं।
3. चुनाव कब हुआ?
चुनाव 22 जुलाई 2025 को आनंद में हुआ।
4. GCMMF का टर्नओवर कितना है?
इसका वार्षिक टर्नओवर 90,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
5. क्यों बदला गया नेतृत्व?
निवर्तमान चेयरमैन के कार्यकाल में विरोध प्रदर्शनों के कारण नया नेतृत्व चुना गया।

Previous articleरेनो ट्राइबर फेसलिफ्ट भारत में 6.29 लाख रुपये में लॉन्च: नया डिज़ाइन और फीचर्स
Next articleरवि किशन ने की पीएम मोदी की तारीफ: ‘भारत झुकेगा नहीं’, सुबह 4:30 बजे शुरू होता है दिन