एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच “एप्सटीन फाइल्स” विवाद

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Epstein Files controversy between Elon Musk and Donald Trump
Epstein Files controversy between Elon Musk and Donald Trump

मस्क और ट्रंप में ठनी: “एप्सटीन फाइल्स” ने मचाया वैश्विक हंगामा

वाशिंगटन, 11 जून 2025: टेस्ला और स्पेसएक्स के CEO एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सनसनीखेज आरोप लगाया है, जिसने वैश्विक स्तर पर तहलका मचा दिया। मस्क ने एक टीवी इंटरव्यू में दावा किया कि ट्रंप का नाम जेफरी एप्सटीन से जुड़ी गोपनीय फाइल्स में शामिल हो सकता है। ट्रंप ने इसे “झूठा और निराधार” बताकर मस्क पर मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दी। यह विवाद टेक और राजनीति की दुनिया में भूचाल ला रहा है।

मस्क का सनसनीखेज बयान

10 जून 2025 को CNBC के एक लाइव इंटरव्यू में मस्क ने कहा, “एप्सटीन फाइल्स में कई बड़े नाम हैं, और मुझे लगता है कि सच्चाई जल्द सामने आएगी। ट्रंप का नाम भी इनमें हो सकता है।” मस्क ने कोई ठोस सबूत नहीं पेश किया, लेकिन उनके इस बयान ने तुरंत सुर्खियाँ बटोरीं। एप्सटीन, एक कुख्यात अपराधी, कई हाई-प्रोफाइल हस्तियों से जुड़ा था, और उसकी फाइल्स में कई रहस्य छिपे हैं।
मस्क ने आगे कहा, “मैं सिर्फ सच्चाई चाहता हूँ, चाहे वह कितनी भी असहज हो।” उनके इस बयान ने उनके समर्थकों को उत्साहित किया, लेकिन ट्रंप प्रशासन और उनके समर्थकों में गुस्सा भड़क गया।

ट्रंप की तीखी प्रतिक्रिया

ट्रंप ने 11 जून की सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मस्क के दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा, “मस्क एक बौखलाया हुआ व्यक्ति है, जो ध्यान खींचने के लिए झूठ बोल रहा है। मेरे पास एप्सटीन से कोई लेना-देना नहीं।” ट्रंप के वकीलों ने मस्क को मानहानि का नोटिस भेजा और माफी माँगने की माँग की।
ट्रंप ने मस्क की कंपनियों, विशेषकर टेस्ला, पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मस्क की इलेक्ट्रिक कारें अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए खतरा हैं। हम उनकी सब्सिडी की समीक्षा करेंगे।” यह बयान टेस्ला के शेयरों में 2.5% की गिरावट का कारण बना।

विवाद की पृष्ठभूमि

मस्क और ट्रंप के बीच तनाव नया नहीं है। 2024 के अमेरिकी चुनावों में मस्क ने ट्रंप की नीतियों की आलोचना की थी, विशेषकर उनके पर्यावरण और टेक नीतियों की। मस्क की स्टारलिंक परियोजना को ट्रंप ने “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा” बताया था, जिसके जवाब में मस्क ने ट्रंप को “पिछड़ा हुआ” करार दिया। यह नया विवाद दोनों के बीच की खाई को और गहरा कर रहा है।
एप्सटीन फाइल्स का मुद्दा लंबे समय से अमेरिकी राजनीति में चर्चा का विषय रहा है। इन फाइल्स में कई राजनेताओं, उद्योगपतियों, और हस्तियों के नाम होने की अटकलें हैं। मस्क का दावा इस मुद्दे को फिर से सुर्खियों में लाया है।

जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएँ

हिंदी समाचार चैनलों, जैसे AajTak, ने इस विवाद को प्रमुखता से कवर किया। भारतीय दर्शकों में यह खबर इसलिए चर्चा में है, क्योंकि मस्क की टेस्ला भारत में निवेश की योजना बना रही है। दिल्ली के एक टेक विश्लेषक अनिल मेहता ने कहा, “मस्क का यह बयान उनकी बेबाकी दिखाता है, लेकिन बिना सबूत के यह जोखिम भरा है।”
अमेरिका में मस्क के समर्थकों ने इसे उनकी साहसिकता माना, जबकि ट्रंप समर्थकों ने इसे “टेक टाइकून की साजिश” बताया। सोशल मीडिया पर #MuskVsTrump ट्रेंड कर रहा है।

टेस्ला और अमेरिकी राजनीति पर प्रभाव

टेस्ला के शेयरों में गिरावट के अलावा, इस विवाद ने मस्क की भारत और यूरोप में निवेश योजनाओं पर सवाल उठाए हैं। भारत में टेस्ला की प्रस्तावित फैक्ट्री पर सरकार की प्रतिक्रिया देखी जा रही है। ट्रंप प्रशासन की ओर से टेस्ला की सब्सिडी पर विचार हो सकता है, जो कंपनी के लिए बड़ा झटका होगा।
राजनीतिक विश्लेषक जॉन हॉपकिन्स ने कहा, “यह विवाद टेक और राजनीति के बीच बढ़ते टकराव का प्रतीक है। मस्क और ट्रंप दोनों ही अपनी छवि के लिए लड़ रहे हैं।”

भविष्य की संभावनाएँ

यह विवाद कानूनी और राजनीतिक मोड़ ले सकता है। मस्क के पास सबूत हैं या नहीं, यह जल्द स्पष्ट होगा। अगर मस्क पीछे हटते हैं, तो उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे। वहीं, ट्रंप की आक्रामकता उनके प्रशासन की नीतियों को प्रभावित कर सकती है। यह मामला टेक उद्योग और वैश्विक कूटनीति पर भी असर डालेगा।
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