उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 25 जुलाई 2025 को सभी स्कूल भवनों और पुलों का सुरक्षा ऑडिट कराने का आदेश दिया। यह निर्णय राजस्थान के एक स्कूल में हुए भवन हादसे के बाद लिया गया, जिसमें दीवार गिरने से बच्चों को नुकसान हुआ था।
धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जर्जर भवनों में बच्चों को न बैठाया जाए। इसके अलावा, उन्होंने देहरादून के जिला आबकारी अधिकारी को निलंबित करने का भी आदेश दिया। यह लेख इस निर्णय और इसके संदर्भ की जानकारी देता है।
राजस्थान हादसे का प्रभाव
राजस्थान में हाल ही में एक स्कूल की दीवार गिरने से हुए हादसे ने पूरे देश में स्कूल भवनों की सुरक्षा पर सवाल उठाए। इस घटना ने उत्तराखंड सरकार को त्वरित कार्रवाई के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री धामी ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्कूलों की संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस कदम का उद्देश्य भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकना है।
स्कूल भवनों का ऑडिट
मुख्यमंत्री ने अपने शासकीय आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में स्कूल भवनों के सुरक्षा ऑडिट का आदेश दिया। अधिकारियों को सभी स्कूलों, विशेष रूप से शौचालयों और अन्य संरचनाओं की जाँच करने को कहा गया। जर्जर और असुरक्षित भवनों में बच्चों को बैठने की अनुमति नहीं होगी।
धामी ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्य तुरंत शुरू हों। यह पहल स्कूलों में बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
पुलों की सुरक्षा पर जोर
स्कूल भवनों के साथ-साथ, धामी ने राज्य के सभी पुलों का सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्देश दिया। उत्तराखंड का पहाड़ी इलाका भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील है, जिससे पुलों की सुरक्षा महत्वपूर्ण हो जाती है।
अधिकारियों को आवश्यकतानुसार मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए त्वरित कदम उठाने को कहा गया। सुरक्षा मानकों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम राज्य की बुनियादी ढांचा सुरक्षा को मजबूत करेगा।
देहरादून आबकारी अधिकारी का निलंबन
स्कूल और पुलों के ऑडिट के अलावा, धामी ने देहरादून के जिला आबकारी अधिकारी केपी सिंह को निलंबित करने का आदेश दिया। सिंह पर शराब की दुकानों के स्थानांतरण में लापरवाही और अधिकारियों को गुमराह करने का आरोप है।
आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह कार्रवाई की। यह कदम प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में है। धामी ने स्पष्ट किया कि अनुशासनहीनता को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अन्य विकास कार्यों पर निर्देश
मुख्यमंत्री ने बैठक में अन्य विकास कार्यों पर भी जोर दिया। उन्होंने त्रियुगीनारायण और अन्य स्थानों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। इसके अलावा, दो आध्यात्मिक आर्थिक क्षेत्रों (स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन्स) के विकास पर काम शुरू करने के निर्देश दिए गए।
ये परियोजनाएँ उत्तराखंड के पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी। धामी ने इन कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर बल दिया।
सुरक्षा के प्रति धामी का रुख
पुष्कर सिंह धामी ने सुरक्षा के प्रति अपनी सख्त नीति को बार-बार दोहराया है। इससे पहले, जून 2025 में उन्होंने चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के निर्देश दिए थे। स्कूल और पुलों के ऑडिट का निर्णय उनकी इस प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
धामी ने अधिकारियों से कहा कि बच्चों और नागरिकों की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होगा। यह रुख उत्तराखंड को सुरक्षित और विकसित राज्य बनाने की दिशा में एक कदम है।
उत्तराखंड की चुनौतियाँ
उत्तराखंड का भौगोलिक ढांचा इसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील बनाता है। भूस्खलन, बाढ़, और भूकंप जैसे खतरे स्कूलों और पुलों की सुरक्षा को और महत्वपूर्ण बनाते हैं। हाल के वर्षों में सिलक्यारा टनल हादसा और केदार घाटी त्रासदी ने बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को उजागर किया।
धामी का ऑडिट आदेश इन चुनौतियों का सामना करने का प्रयास है। यह कदम दीर्घकालिक सुरक्षा और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रशासनिक जवाबदेही
आबकारी अधिकारी के निलंबन से धामी ने प्रशासनिक जवाबदेही पर अपना रुख स्पष्ट किया। उत्तराखंड में पहले भी अवैध गतिविधियों, जैसे मादक पदार्थों की तस्करी, के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं।
धामी ने जनवरी 2025 में नशा मुक्त उत्तराखंड की दिशा में कदम उठाने की बात कही थी। उनकी नीतियाँ प्रशासन में पारदर्शिता और अनुशासन को बढ़ावा देती हैं। यह कार्रवाइयाँ सरकार के प्रति जनता का भरोसा मजबूत करती हैं।