Archita Phukan Viral Videos, बेबीडॉल आर्ची उर्फ अर्चिता फूकन का बड़ा रहस्य उजागर: वह न तो एडल्ट स्टार हैं और न ही अमेरिका में रहती हैं

20
Archita Phukan Viral Videos
Archita Phukan Viral Videos

असम की कथित सोशल मीडिया सनसनी अर्चिता फूकन, जिन्हें बेबीडॉल आर्ची के नाम से जाना जाता है, ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए सुर्खियाँ बटोरीं, जिसके 14 लाख फॉलोअर्स हैं। उनकी प्रोफाइल एक आकर्षक महिला की छवि प्रस्तुत करती है, जिसमें वह उत्तेजक पोशाकों में म्यूजिक पर लिप-सिंक करती हुई रील्स पोस्ट करती हैं। एक पोस्ट, जिसमें अमेरिकी एडल्ट स्टार केंड्रा लस्ट के साथ उनकी तस्वीर थी, ने ऑनलाइन तहलका मचा दिया। हालांकि, चौंकाने वाली सच्चाई यह है कि सुर्खियों में छाई यह महिला न तो कोई इन्फ्लुएंसर है और न ही अमेरिका में रहती है।

असम के डिब्रूगढ़ पुलिस के अनुसार, “बेबीडॉल आर्ची” पूरी तरह से एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा निर्मित फर्जी पहचान है, जो डिब्रूगढ़ की एक वास्तविक महिला की एकमात्र तस्वीर का उपयोग करके बनाई गई थी, जिसे अपनी पहचान के दुरुपयोग की कोई जानकारी नहीं थी। यह लेख इस सनसनीखेज घोटाले, इसके पीछे के अपराधी, और इसके व्यापक प्रभावों पर प्रकाश डालता है।

बेबीडॉल आर्ची: एक AI-जनरेटेड फर्जी पहचान

बेबीडॉल आर्ची के नाम से मशहूर इंस्टाग्राम प्रोफाइल ने अपनी बोल्ड और उत्तेजक सामग्री के लिए लाखों लोगों का ध्यान खींचा। इस प्रोफाइल में अर्चिता फूकन नाम की एक महिला को चित्रित किया गया, जो कथित तौर पर असम से है और अमेरिका में रहती है। उनकी रील्स, विशेष रूप से रोमानियाई गायिका केट लिन की “Dame Un Grrr” गाने पर आधारित एक साड़ी ट्रांसफॉर्मेशन वीडियो, ने लाखों व्यूज बटोरे। एक तस्वीर, जिसमें वह केंड्रा लस्ट के साथ नजर आईं, ने उनके अमेरिकी एडल्ट इंडस्ट्री में शामिल होने की अटकलों को हवा दी।

हालांकि, डिब्रूगढ़ पुलिस ने खुलासा किया कि यह पूरी ऑनलाइन पहचान एक धोखा थी। यह प्रोफाइल मिडजर्नी, ओपनआर्ट AI, और डिजायर AI जैसे AI टूल्स का उपयोग करके बनाई गई थी, जिसमें डिब्रूगढ़ की एक वास्तविक महिला की एक तस्वीर को आधार बनाकर उसकी छवियों को डिजिटल रूप से बदलकर उत्तेजक सामग्री तैयार की गई। इस महिला को अपनी तस्वीर के दुरुपयोग की कोई जानकारी नहीं थी, और उसकी गोपनीयता की रक्षा के लिए उसका नाम उजागर नहीं किया गया है।

अपराधी: एक पूर्व प्रेमी का बदला

इस घोटाले का मास्टरमाइंड 27 वर्षीय प्रतीम बोरा है, जो डिब्रूगढ़ की उस महिला का पूर्व प्रेमी है, जिसकी तस्वीर का दुरुपयोग किया गया। तिनसुकिया का रहने वाला बोरा, जो पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर है, ने ब्रेकअप के बाद बदला लेने के लिए यह जघन्य साइबर अपराध किया। उसने पीड़िता की सोशल मीडिया तस्वीरों को चुराकर AI टूल्स का उपयोग करते हुए “बेबीडॉल आर्ची” की फर्जी पहचान बनाई। बोरा ने न केवल उत्तेजक रील्स और केंड्रा लस्ट के साथ मॉर्फ्ड तस्वीरें बनाईं, बल्कि यह भी दावा किया कि अर्चिता अमेरिका में रहती है और एडल्ट इंडस्ट्री में प्रवेश कर रही है।

डिब्रूगढ़ पुलिस ने शनिवार, 19 जुलाई 2025 को बोरा को गिरफ्तार किया, जब पीड़िता के भाई ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की। पुलिस के अनुसार, बोरा ने इस फर्जी प्रोफाइल के जरिए केवल पाँच दिनों में 3 लाख रुपये और कुल मिलाकर 10 लाख रुपये की कमाई की। उसे भारत के IT एक्ट और IPC की साइबर अपराध और पहचान चोरी से संबंधित धाराओं के तहत गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।

अर्चिता फूकन की कथित कहानी: सच्चाई या कपट?

इस घोटाले से पहले, बेबीडॉल आर्ची की प्रोफाइल ने कई सनसनीखेज दावे किए, जो अब फर्जी साबित हो चुके हैं। जुलाई 2023 के एक इंस्टाग्राम पोस्ट में, अर्चिता ने दावा किया था कि वह छह साल तक भारत में वेश्यावृत्ति के “अंधेरे संसार” में फँसी थीं और अपनी “स्वतंत्रता” के लिए 25 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा था। इस पोस्ट में दिल्ली के जीबी रोड, एक कुख्यात रेड-लाइट एरिया, को जियोटैग किया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने एक संगठन के साथ मिलकर आठ अन्य महिलाओं को वेश्यावृत्ति से मुक्त कराया।

इसके अलावा, नवंबर 2022 में, प्रोफाइल ने दावा किया कि अर्चिता को “प्लेबॉय लिंगरी मॉडल” के रूप में चुना गया था। डिब्रूगढ़ पुलिस ने पुष्टि की कि ये सभी दावे झूठे थे और बोरा द्वारा बनाए गए थे ताकि फर्जी पहचान को और विश्वसनीय बनाया जा सके। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने यह भी अनुमान लगाया था कि अर्चिता की तस्वीरें AI-जनरेटेड हैं, और “जस्ट असम थिंग्स” नामक एक इंस्टाग्राम पेज ने दावा किया कि यह प्रोफाइल पूरी तरह से नकली थी।

केंड्रा लस्ट के साथ तस्वीर और अटकलें

बेबीडॉल आर्ची की केंड्रा लस्ट के साथ तस्वीर ने इस घोटाले को और बढ़ावा दिया। अप्रैल 2025 में पोस्ट की गई इस तस्वीर में दोनों को एकसमान पोशाक में देखा गया, और अर्चिता ने कैप्शन में लिखा कि केंड्रा से मिलना एक “अविस्मरणीय अनुभव” था और उनकी “आत्मविश्वास, पेशेवराना रवैया, और सफलता” से वह प्रेरित हुईं। इस तस्वीर ने अटकलों को जन्म दिया कि अर्चिता अमेरिकी एडल्ट इंडस्ट्री में प्रवेश कर रही हैं।

कुछ यूजर्स ने दावा किया कि यह तस्वीर AI-जनरेटेड थी, और डिब्रूगढ़ पुलिस ने बाद में पुष्टि की कि यह मॉर्फ्ड थी। अर्चिता ने इन अटकलों पर एक गूढ़ इंस्टाग्राम स्टोरी में जवाब दिया, जिसमें लिखा था, “मैं न तो कुछ पुष्टि कर रही हूँ और न ही खंडन। कुछ रास्ते निजी हैं, कुछ कदम रणनीतिक।” हालांकि, अब यह स्पष्ट है कि यह पोस्ट भी बोरा द्वारा बनाई गई थी, न कि वास्तविक अर्चिता द्वारा।

सोशल मीडिया और साइबर अपराध का प्रभाव

इस घोटाले ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है। X पर कई पोस्ट्स ने इस मामले को उजागर किया, जिसमें @OpIndia_com
ने लिखा कि अर्चिता की केंड्रा लस्ट के साथ तस्वीर और एडल्ट इंडस्ट्री में शामिल होने की खबरें उनके पूर्व प्रेमी द्वारा बनाई गईं, जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है। @DESIblitz
ने इसे “एक भयावह बदले की साजिश” करार दिया, जबकि @thecsrjournal
ने बताया कि बोरा ने एकमात्र तस्वीर से AI का उपयोग करके 3 लाख रुपये की कमाई की। इस मामले ने डिजिटल नैतिकता और AI के दुरुपयोग को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। कई यूजर्स ने इसे “डिजिटल युद्धक्षेत्र” कहा, जो यह दर्शाता है कि AI टूल्स की आसान उपलब्धता व्यक्तिगत बदले और मानहानि के लिए खतरनाक हथियार बन सकती है।

कानूनी और सामाजिक निहितार्थ

प्रतीम बोरा की गिरफ्तारी ने भारत में साइबर अपराध और डिजिटल पहचान चोरी पर नई रोशनी डाली है। यह मामला AI-जनरेटेड सामग्री के दुरुपयोग और सोशल मीडिया पर नकली प्रोफाइल्स के खतरों को उजागर करता है। डिब्रूगढ़ पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सिजाल अग्रवाल ने पुष्टि की कि बोरा ने पीड़िता को बदनाम करने और अपमानित करने के लिए आपत्तिजनक सामग्री अपलोड की थी।

यह मामला महिलाओं और डिजिटल अधिकार कार्यकर्ताओं के बीच राष्ट्रीय आक्रोश पैदा कर चुका है, जो सख्त साइबर कानूनों और AI के उपयोग में स्पष्ट जवाबदेही की माँग कर रहे हैं। यह घटना यह भी दर्शाती है कि एक वायरल पोस्ट कैसे किसी के जीवन को तबाह कर सकता है, खासकर जब हमलावर कोई ऐसा व्यक्ति हो जिस पर कभी भरोसा किया गया था।

भविष्य की संभावनाएँ

अर्चिता फूकन का मामला भारत में साइबर अपराध और AI के दुरुपयोग के खिलाफ कानूनी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह घटना डिजिटल युग में गोपनीयता और सहमति के महत्व को भी उजागर करती है। भविष्य में, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए AI टूल्स के उपयोग पर सख्त नियम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बेहतर निगरानी की आवश्यकता होगी।

इसके अलावा, यह मामला सोशल मीडिया यूजर्स को ऑनलाइन सामग्री की प्रामाणिकता पर सवाल उठाने और फर्जी प्रोफाइल्स के प्रति सतर्क रहने के लिए प्रेरित करता है। अर्चिता की कहानी एक चेतावनी है कि डिजिटल दुनिया में प्रसिद्धि और बदनामी के बीच की रेखा बहुत पतली हो सकती है।

निष्कर्ष

बेबीडॉल आर्ची उर्फ अर्चिता फूकन की कहानी, जो शुरू में एक ग्लैमरस इन्फ्लुएंसर की सनसनीखेज यात्रा लग रही थी, वास्तव में एक भयावह साइबर अपराध की कहानी निकली। प्रतीम बोरा द्वारा AI टूल्स का उपयोग करके बनाई गई यह फर्जी पहचान न केवल एक महिला की गोपनीयता का उल्लंघन करती है, बल्कि डिजिटल युग में तकनीक के दुरुपयोग के खतरों को भी उजागर करती है।

डिब्रूगढ़ पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने अपराधी को पकड़ लिया, लेकिन यह मामला साइबर कानूनों को मजबूत करने और डिजिटल नैतिकता पर बहस की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह कहानी एक बार फिर साबित करती है कि ऑनलाइन दुनिया में सच्चाई और कपट के बीच का अंतर समझना कितना महत्वपूर्ण है।

FAQ

1. बेबीडॉल आर्ची उर्फ अर्चिता फूकन कौन हैं?
बेबीडॉल आर्ची एक AI-जनरेटेड फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफाइल थी, जिसे प्रतीम बोरा ने डिब्रूगढ़ की एक वास्तविक महिला की तस्वीर का दुरुपयोग करके बनाया था।
2. केंड्रा लस्ट के साथ उनकी तस्वीर क्यों वायरल हुई?
यह तस्वीर AI द्वारा मॉर्फ्ड थी, जिसे बोरा ने बनाया था ताकि यह लगे कि अर्चिता एडल्ट इंडस्ट्री में शामिल हो रही हैं।
3. प्रतीम बोरा ने ऐसा क्यों किया?
बोरा ने अपनी पूर्व प्रेमिका से ब्रेकअप के बाद बदला लेने के लिए यह फर्जी प्रोफाइल बनाई और उससे 10 लाख रुपये की कमाई की।
4. पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
डिब्रूगढ़ पुलिस ने 19 जुलाई 2025 को प्रतीम बोरा को गिरफ्तार किया और उसे IT एक्ट और IPC की धाराओं के तहत आरोपित किया।
5. क्या अर्चिता ने वेश्यावृत्ति में होने का दावा किया था?
नहीं, यह दावा फर्जी प्रोफाइल का हिस्सा था और बोरा द्वारा बनाया गया था। वास्तविक महिला का इससे कोई संबंध नहीं है।

Previous articleइटर्नल का शेयर मूल्य उछाल: ज़ोमैटो और ब्लिंकिट की पैरेंट कंपनी का मार्केट कैप 3 लाख करोड़ रुपये पार, टाटा मोटर्स और विप्रो को पीछे छोड़ा – भविष्य का outlook क्या है?
Next articleएंडी बायरन का कोल्डप्ले वीडियो वायरल, एस्ट्रोनॉमर सीईओ का इस्तीफा