भारत में IPO फंडरेजिंग में 45% की उछाल: FY26 की पहली छमाही में बाजार की मजबूती

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IPO Fundraising FY26
IPO Fundraising FY26

भारत का प्राथमिक शेयर बाजार वित्त वर्ष 2026 (FY26) की पहली छमाही (जनवरी-जून 2025) में शानदार प्रदर्शन के साथ चर्चा में रहा। वैश्विक व्यापारिक चुनौतियों, भू-राजनीतिक तनावों, और मैक्रोइकॉनमिक अनिश्चितताओं के बावजूद, इस अवधि में 24 मुख्य बोर्ड इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (IPOs) के माध्यम से 45,350 करोड़ रुपये जुटाए गए। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 45% की वृद्धि है।

हालांकि, IPOs की संख्या 2024 की 36 से घटकर 24 हो गई, जिससे औसत IPO आकार में वृद्धि का संकेत मिलता है। यह लेख FY26 की पहली छमाही में IPO बाजार के प्रदर्शन, प्रमुख IPOs, निवेश अवसरों, और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा करता है।

IPO बाजार का अवलोकन

जनवरी-जून 2025 में, 24 मुख्य बोर्ड IPOs ने 45,351 करोड़ रुपये जुटाए, जो 2024 की समान अवधि में 36 कंपनियों द्वारा जुटाए गए 31,281 करोड़ रुपये से 45% अधिक है। इस वृद्धि के बावजूद, IPOs की संख्या में कमी से पता चलता है कि कंपनियाँ बड़े आकार के IPOs पर ध्यान दे रही हैं। इस अवधि में 67% IPOs प्रीमियम पर लिस्ट हुए, और औसत रिटर्न लगभग 25% रहा। यह निवेशकों के मजबूत विश्वास को दर्शाता है।

प्राइम डेटाबेस के अनुसार, 118 कंपनियों ने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किए, जो 2024 की समान अवधि में 52 से दोगुना से अधिक है। यह मजबूत पाइपलाइन भविष्य में और वृद्धि का संकेत देती है।

प्रमुख IPOs का प्रदर्शन

FY26 की पहली छमाही में कुछ बड़े IPOs ने बाजार का ध्यान खींचा। इनमें शामिल हैं:
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने 12,500 करोड़ रुपये जुटाए, जो इस अवधि का सबसे बड़ा IPO था। यह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) हाउसिंग और पर्सनल लोन में मजबूत स्थिति रखती है। इसकी लिस्टिंग पर 20-30% की वृद्धि देखी गई। हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज ने 8,750 करोड़ रुपये के IPO के साथ टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया।

श्लॉस बैंगलोर ने 3,500 करोड़ रुपये जुटाए, जो लक्जरी रियल एस्टेट में एक प्रमुख नाम है। अदर एनर्जी ने 2,981 करोड़ रुपये के IPO के साथ इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेगमेंट में अपनी उपस्थिति दर्ज की। इन IPOs ने न केवल बड़ी पूँजी जुटाई, बल्कि लिस्टिंग के बाद मजबूत रिटर्न भी प्रदान किए।

IPO फंडरेजिंग में वृद्धि के कारण

IPO बाजार की इस सफलता के पीछे कई कारक हैं। सबसे पहले, घरेलू म्यूचुअल फंड्स और रिटेल निवेशकों की मजबूत भागीदारी ने बाजार को गति दी। औसत ओवरसब्सक्रिप्शन 233x रहा, जो FY24 के 156x से काफी अधिक है। दूसरा, नरेंद्र मोदी सरकार की स्थिर नीतियों और भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि ने निवेशक भावना को सकारात्मक बनाए रखा।

तीसरा, कंपनियों ने प्राइमरी और सेकेंडरी शेयर इश्यू के माध्यम से बड़े पैमाने पर पूँजी जुटाने पर ध्यान केंद्रित किया। चौथा, भारत की C+1 रणनीति (चीन के विकल्प के रूप में) ने विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) को आकर्षित किया। अंत में, SEBI की त्वरित मंजूरी प्रक्रिया ने IPO पाइपलाइन को मजबूत किया।

सेक्टर-विशिष्ट रुझान

FY26 की पहली छमाही में फाइनेंशियल सर्विसेज, टेक्नोलॉजी, रियल एस्टेट, और इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर्स ने IPO बाजार का नेतृत्व किया। फाइनेंशियल सर्विसेज में HDB फाइनेंशियल सर्विसेज और अवान्स फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे NBFCs ने बड़े IPOs लॉन्च किए, क्योंकि भारत में लोन और क्रेडिट की माँग बढ़ रही है।

टेक्नोलॉजी सेक्टर में हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (SaaS) मॉडल्स पर ध्यान केंद्रित किया। इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में अदर एनर्जी जैसे स्टार्टअप्स ने हरित ऊर्जा की माँग को भुनाया। रियल एस्टेट में श्लॉस बैंगलोर जैसे डेवलपर्स ने शहरीकरण और प्रीमियम हाउसिंग की बढ़ती माँग का लाभ उठाया।

ये रुझान दर्शाते हैं कि विविध सेक्टर्स में निवेश के अवसर बढ़ रहे हैं।

निवेशकों के लिए अवसर

IPO बाजार ने निवेशकों के लिए कई आकर्षक अवसर प्रदान किए हैं। औसत 25% रिटर्न ने IPOs को अल्फा जनरेशन का एक नया रास्ता बनाया है। SME IPOs ने इस अवधि में 9,133 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें औसत लिस्टिंग गेन 48% रहा। रिटेल निवेशकों की मजबूत माँग ने औसत ओवरसब्सक्रिप्शन को 233x तक पहुँचाया। फाइनेंशियल सर्विसेज, टेक, और EV जैसे सेक्टर्स में IPOs पोर्टफोलियो विविधीकरण का अवसर दे रहे हैं।

विशेष रूप से, सिल्वर इकोनॉमी और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर्स आर्थिक मंदी से कम प्रभावित होते हैं, जो दीर्घकालिक निवेश के लिए उपयुक्त हैं। निवेशकों को इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए बाजार रुझानों और कंपनी के फंडामेंटल्स का विश्लेषण करना चाहिए।

चुनौतियाँ और जोखिम

IPO बाजार की सफलता के बावजूद, कुछ जोखिम भी हैं। वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और व्यापारिक बाधाएँ निवेशक भावना को प्रभावित कर सकती हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च वैल्यूएशन IPOs के लिए जोखिम पैदा कर सकता है, खासकर यदि FII और रिटेल निवेशक प्रवाह कम होता है।

मार्च 2025 में कोई मुख्य बोर्ड IPO नहीं हुआ, जो बाजार अस्थिरता को दर्शाता है। SEBI ने SME IPOs में फंड उपयोग पर सख्ती बढ़ाई है, जो भविष्य में कुछ कंपनियों के लिए चुनौती हो सकती है। निवेशकों को इन जोखिमों का आकलन करके सूचित निर्णय लेने चाहिए।

भविष्य की संभावनाएँ

FY26 की दूसरी छमाही में IPO बाजार के लिए आशावादी दृष्टिकोण है। 34 कंपनियों को SEBI से 41,462 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 55 अन्य 98,672 करोड़ रुपये के लिए मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। आर्थिक सुधार, जैसे मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में कमी, बाजार को और गति दे सकते हैं।

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (NSDL), ईकॉम एक्सप्रेस, और LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया जैसे बड़े IPOs की उम्मीद है। टेक्नोलॉजी और EV सेक्टर्स में पाइन लैब्स (1 बिलियन डॉलर) और फोनपे (1.5 बिलियन डॉलर) जैसे स्टार्टअप्स IPOs लॉन्च करेंगे। SME सेगमेंट में रिटेल निवेशकों की माँग बनी रहेगी।

सरकार की C+1 रणनीति और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोत्साहन, जैसे सिलिकॉन चिप्स और टेलीकॉम, IPO बाजार को और बढ़ावा देंगे। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025 में IPO फंडरेजिंग 2 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकती है।

निष्कर्ष

FY26 की पहली छमाही में भारत का IPO बाजार वैश्विक चुनौतियों के बावजूद मजबूत रहा। 45,350 करोड़ रुपये की फंडरेजिंग और 25% औसत रिटर्न ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज, और अदर एनर्जी जैसे IPOs ने बाजार की गति को दर्शाया। दूसरी छमाही में मजबूत पाइपलाइन और आर्थिक सुधारों के साथ, IPO बाजार 2025 में नए कीर्तिमान स्थापित कर सकता है।

निवेशकों को प्रीमियम वैल्यूएशन और नियामक जोखिमों पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन दीर्घकालिक अवसर आकर्षक हैं।

FAQ

1. FY26 की पहली छमाही में IPO फंडरेजिंग में कितनी वृद्धि हुई?
जनवरी-जून 2025 में IPO फंडरेजिंग 45% बढ़कर 45,350 करोड़ रुपये हो गई, जो 2024 में 31,281 करोड़ रुपये थी।
2. किन सेक्टर्स ने सबसे अधिक IPOs लॉन्च किए?
फाइनेंशियल सर्विसेज, टेक्नोलॉजी, रियल एस्टेट, और इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर्स ने नेतृत्व किया।
3. SME IPOs का प्रदर्शन कैसा रहा?
SME IPOs ने 9,133 करोड़ रुपये जुटाए, और औसत लिस्टिंग गेन 48% रहा।
4. FY26 की दूसरी छमाही में कौन से बड़े IPOs की उम्मीद है?
NSDL, ईकॉम एक्सप्रेस, और LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया जैसे IPOs की उम्मीद है।
5. IPO निवेश के प्रमुख जोखिम क्या हैं?
प्रीमियम वैल्यूएशन, बाजार अस्थिरता, और नियामक जाँच प्रमुख जोखिम हैं।

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