Union Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है। पहले इसे महीने के अंत में पेश किया जाता था। कुछ साल पहले तक देश में आमतौर पर महीने के आखिरी हफ्ते में 28 फरवरी को बजट पेश किया जाता था, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में कुछ साल पहले बजट पेश करने का दिन बदल दिया गया।
इसके पीछे की वजह फरवरी के अंत में बजट पेश करने से बजट को लागू करने के लिए समय की कमी है। जानकारी के मुताबिक फरवरी के अंत में बजट पेश करने से सरकार के पास अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी वित्तीय वर्ष से पहले जरूरी बदलाव करने और उन्हें लागू करने के लिए कम समय था।
इस समस्या के समाधान के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री जेटली ने बजट की तारीख बदलने का सुझाव दिया और 2017 में केंद्रीय बजट महीने के अंत के बजाय फरवरी की शुरुआत में पेश किया गया।
अलग रेल बजट का इतिहास भी बदला
मोदी सरकार ने न सिर्फ बजट की तारीख बदली, बल्कि अलग से रेल बजट पेश करने के नियम में भी बदलाव किया। तत्कालीन मंत्री अरुण जेटली ने रेलवे के लिए अलग से बजट पेश करने की परंपरा को भी खत्म कर दिया और 2017 में रेल बजट को केंद्रीय बजट में शामिल कर दिया गया। इससे पहले रेल बजट आम बजट से दो दिन पहले अलग से पेश किया जाता था। सरकार ने 92 साल पुरानी इस ब्रिटिश परंपरा को भी खत्म कर दिया।
बजट का ब्रिटिश कनेक्शन
इससे पहले भारत में बजट पेश करने में एक और बड़ा बदलाव समय में हुआ था। ऐतिहासिक रूप से भारत में बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था। यह ब्रिटिश भारत की परंपरा थी। साल 1999 में ही समय बदलकर सुबह 11 बजे किया गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रिटिश समय में बजट सुबह 11 बजे (स्थानीय समय) पेश किया जाता था, जो भारत में शाम 5 बजे था क्योंकि भारतीय समय क्षेत्र ब्रिटिश समय से 4.50 घंटे आगे है।