Quad Countries Meeting ने बढ़ाई चीन के टेंशन! एस जयशंकर ने की अमेरिकी विदेश मंत्री और NSA से मुलाकात

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Quad Countries Meeting
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Quad Countries Meeting: अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद उनकी नई विदेश नीति ने चीन समेत दूसरे देशों की चिंता बढ़ा दी है. नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों बाद अमेरिका में क्वाड देशों की बैठक हुई. इस बैठक में क्वाड संगठन में शामिल सभी देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए. ट्रंप सरकार के नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन क्वाड बैठक में हिस्सा लिया और फिर उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय वार्ता भी की. नए ट्रंप प्रशासन में होने वाली यह पहली बड़ी बैठक थी.

गौरतलब है कि क्वाड चार देशों का संगठन है। इसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका समेत कुल 4 देश शामिल हैं। क्वाड संगठन के जरिए ये सभी देश आपसी सहयोग को बढ़ावा देते रहे हैं। क्वाड के गठन का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे पर लगाम लगाना है।

साथ ही ये वो संगठन है जो चीन की हर नापाक चाल को चुनौती देता रहा है। ट्रंप के शपथ लेने के बाद अमेरिका ने अपने तेवर जाहिर कर दिए हैं, जिससे चीन की चिंता बढ़ गई है। बैठक में ऑस्ट्रेलिया से पेनी वोंग और जापान से इवाया ताकेशी शामिल हुए। बैठक के बाद चारों नेताओं ने फोटो सेशन में ग्रुप फोटो भी खिंचवाई।

क्वाड देशों की बैठक के बाद भारत और अमेरिका के नए विदेश मंत्रियों के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक भी हुई. यह बैठक 1 घंटे से ज़्यादा चली. बैठक में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा भी मौजूद थे. इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा हुई. अमेरिकी विदेश मंत्री ने इस बैठक को सहयोगियों के साथ काम करने की प्रतिबद्धता बताया.

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद रुबियो और जयशंकर ने फोटो सेशन के दौरान मीडिया के सामने हाथ मिलाया और कैमरों के सामने मुस्कुराते हुए पोज दिए। इसके बाद जयशंकर ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज के साथ भी बैठक की।

इस बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, ‘बैठक में अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई गई। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय मुद्दों और अमेरिका-भारत संबंधों को और गहरा करने के अवसरों समेत कई विषयों पर चर्चा की। खास तौर पर उभरती प्रौद्योगिकियों, रक्षा सहयोग, ऊर्जा और एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आगे बढ़ाने पर बातचीत हुई।’

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